ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने बताया कि ईरान प्रशासन ने तेहरान में ब्रिटेन के राजदूत को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया था। राजदूत रोब मकायर को ईरान में शासन के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर हिरासत में लिया गया था। हालांकि राजदूत को एक घंटे के बाद रिहा कर दिया गया था।

राब ने राजदूत रोब मकायर को हिरासत में लिए जाने के बाद एक बयान में कहा, ‘बिना किसी आधार और व्याख्या के तेहरान में हमारे राजदूत को हिरासत में लिया जाना अंतरराष्ट्रीय कानून का खुले तौर पर उल्लंघन है।’ मंत्री ने ईरान को चेतावनी दी कि वह ‘दोराहे पर खड़ा है’ और उसे ‘परित्यक्त देश’ का दर्जा या फिर ‘बातचीत के जरिए तनाव कम करने की दिशा में कदम’ में से किसी एक को चुनना होगा।
मकायर को तेहरान में कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों को ‘उकसाने’ के मामले में हिरासत में लिया गया। ईरान में ये प्रदर्शन यूक्रेन के विमान को गलती से गिराए जाने के बाद शुरू हुआ। ईरान ने स्वीकार किया है कि उसने गलती से विमान को निशाना बनाया था। इसमें 176 लोगों की मौत हो गई थी। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने विमान गिराए जाने को ‘अक्षम्य गलती’ बताया है।
अमेरिका के विदेश सचिव डोमिनिक राब ने एक बयान में कहा, ‘बिना किसी आधार या स्पष्टीकरण के तेहरान में हमारे राजदूत की गिरफ्तारी अंतरराष्ट्रीय कानून का एक घोर उल्लंघन है। ईरान सरकार इस समय उथल-पुथल के माहौल में है। आप तनाव को कम करने और कूटनीतिक रास्ते में आगे बढ़ने के लिए कदम उठा सकते हैं लेकिन इस तरह की गिरफ्तारी सही नहीं है।’
ईरान के एक अखबार ने ट्विटर पर राजदूत की तस्वीर साझा की थी। वहीं ईरानी मीडिया ने दावा किया है कि मैकेयर सरकार विरोधी प्रदर्शन को बढ़ा रहे थे। ईरान का कहना है कि यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या पीएस752 को उसने गलती से गिरा दिया था। इसे ईरानी सेना ने मानवीय भूल बताया है।
सेना के कबूलनामे पर ईरानी नागरिक भड़क गए हैं। उन्होंने सेना के महज माफी मांगने को पर्याप्त नहीं मानते हुए दोषियों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की है। बहुत सारे ईरानी नागरिकों ने सोशल मीडिया पर भी अधिकारियों के इस्तीफे मांगते हुए उनकी माफी को खारिज करने वाली पोस्ट लिखी हैं।
बता दें कि इस हादसे में क्रू सदस्यों समेत सभी 176 लोग मारे गए थे, जिनमें से ईरान के 82, कनाडा के 63, यूक्रेन के 11, स्वीडन के 10, अफगानिस्तान के चार और ब्रिटेन व जर्मनी के 3-3 नागरिक शामिल थे।
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