प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी विनिमय उल्लंघन के मामले में संबंध जुड़ने पर गुरुवार को मानवाधिकार की प्रहरी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल के दो ठिकानों पर छापा मारा। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत दोपहर बाद की गई इस छापेमारी में अधिकारियों ने दस्तावेजों को खंगाला व साक्ष्य जुटाए।
अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों के उल्लंघन के मामले से जुड़ी है। 2010 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नियमों के उल्लंघन पर संस्था के एफसीआरए (विदेशी योगदान नियमन अधिनियम) लाइसेंस को निरस्त कर दिया था।
आरोप है कि इसके बाद संस्था द्वारा एफसीआरए को बाइपास करने के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एआईआईपीएल) नामक अस्थायी वाणिज्यिक इकाई बना ली गई। ईडी ने बयान में बताया कि एआइआइपीएल अब तक वाणिज्यिक माध्यमों से 36 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त कर चुकी है।
इसमें 10 करोड़ रुपये दीर्घ अवधि लोन है, जिसे तत्काल एफडी (फिक्स डिपाजिट) के रूप में जाम कर दिया गया, जबकि एक दूसरी भारतीय संस्था इंडियन फॉर एमनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट (आईएआईटी) ने 14.25 करोड़ रुपये की ओवर ड्राफ्ट की सुविधा उपलब्ध कराई थी, जिसमें 10 करोड़ रुपये की एफडी को शामिल बताया।
इस प्रकार यह दिखाने की कोशिश की गई कि एफडीआई ट्रस्ट के जरिये की गई। 26 करोड़ रुपये एआईआईपीएल के दो बैंक खातों में कंसल्टेंसी सर्विस के रूप में मंगाए गए। एआईआईपीएल द्वारा विदेश से प्राप्त किया गया धन एफडीआई प्रावधानों का उल्लंघन है।
ईडी के अनुसार, इसी सिलसिले में यह कार्रवाई की जा रही है।
ईडी ने कुछ समय पहले बेंगलुरु की पर्यावरणीय गैर सरकारी संस्था ग्र्रीनपीस के दर्जन भर बैंक खातों को एफसीआरए के उल्लंघन के मामले में जब्त किया था