भारत का मोस्ट वॉन्टेड डॉन दाऊद इब्राहिम भारत आना चाहता था. उसने सरेंडर की पेशकश भी की थी. लेकिन उसके सामने परेशानी ये है कि अगर वो या उसका परिवार यहां आने की कोशिश करेगा तो पाकिस्तान उसे मार डालेगा. ये कहना है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर एम.एन. सिंह का.
पूर्व आईपीएस अधिकारी एम.एन. सिंह मुंबई में आयोजित आजतक के कार्यक्रम मंथन में दाऊद इब्राहिम के विषय में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने बताया कि दाऊद इब्राहिम भारत आना चाहता था. इसके लिए उसने वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी से संपर्क किया था.
एम.एन. सिंह के मुताबिक उस वक्त राम जेठमलानी का संदेश लेकर महेश जेठमलानी उनसे मिलने आए थे. उन्होंने बताया था कि दाऊद सरेंडर करना चाहता है. लेकिन उसकी कुछ शर्तें हैं. पहली शर्त थी कि मुंबई पुलिस उसका एनकाउंटर नहीं करेगी. दूसरी शर्त थी कि उस पर केवल मुंबई बलास्ट केस का ट्रायल चलाया जाएगा.
जबकि दाऊद की तीसरी शर्त थी कि उसे जेल में रखने के बजाय हॉउस अरेस्ट रखा जाए. एम.एन. सिंह के अनुसार उसकी पहली शर्त तो उन्होंने मान ली थी लेकिन दूसरी और तीसरी शर्त पर उन्होंने सरकार से बात करने के लिए कहा. इसके बाद एम.एन. सिंह ने सरकार के आला अधिकरियों को इस बारे में जानकारी दी.
सरकार ने उस वक्त एम.एन. सिंह से इस बारे में उनकी राय पूछी तो उन्होंने उसकी शर्तों को मानने के लिए इनकार कर दिया. लिहाजा सरकार ने भी दाऊद की दूसरी और तीसरी शर्त को खारिज करते हुए इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. एम.एन. सिंह ने खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने एनकाउंटर नहीं किए जाने की बात पर सहमति जता दी थी, लेकिन अन्य मुकदमों के ट्रायल न किए जाने और हाउस अरेस्ट की बात से साफ इनकार कर दिया था.
एम.एन. सिंह ने आजतक के मंच से कहा कि अब दाऊद को भूल जाइए. लेकिन उसके गुनाहों को भुलाया नहीं जा सकता. उनका कहना था कि दाऊद की संपत्ति को बेचने की क्या जरूरत है. उसे जनहित के लिए दे दिया जाए. वहां हॉस्पिटल या स्कूल बनाए जाएं. या फिर वहां पुलिस चौकी बना दी जाए.
पूर्व पुलिस अधिकारी सिंह ने साफ किया कि अब दाऊद का दौर खत्म हो गया है. उसके बहुत से रिश्तेदार यहां रहते हैं. कुछ हैं जो उसके नाम का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं. लेकिन उसके नाम का अब ज्य़ादा नहीं है. उनके मुताबिक दाऊद का साया अब मुंबई पर नहीं है. खौफ है तो न के बराबर है.