PM मोदी पर्यावरण की रक्षा से कैसे आमदनी के रास्ते भी खुलते हैं, इसका एक उदाहरण अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भी देखने को मिला। इस पहाड़ी इलाके में सदियों से ‘मोन शुगु’ नाम का एक पेपर बनाया जाता है। इसके लिए पेड़ों को नहीं काटना पड़ता है।
हैदराबाद के बोयिनपल्ली में, एक स्थानीय सब्जी मंडी, किस तरह, अपने दायित्व को निभा रही है,ये पढ़कर भी मुझे बहुत अच्छा लगा। हम सबने देखा है कि मंडियों में अनेक वजहों से सब्जियां खराब हो जाती हैं, लेकिन बोयिनपल्ली की सब्जी मंडी तय किया है कि बचने वाली सब्जियों को ऐसे फेंका नहीं जाएगा।
यंग राइटर्स के लिए इंडिया सेवेंटी फाइव के निमित्त एक इनिशिएटिव शुरू किया जा रहा है। इससे सभी राज्यों और भाषाओं के युवा लेखकों को प्रोत्साहन मिलेगा। इस वर्ष से भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का समारोह– ‘अमृत महोत्सव’ शुरू करने जा रहा है।
इस साल की शुरुआत के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई को भी करीब-करीब एक साल पूरा हो गया है। जैसे कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई उदाहरण बनी है। वैसे ही अब हमारा वैक्सीनेशन प्रोग्राम भी दुनिया में एक मिसाल बन रहा है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा कोविड वैक्सीन प्रोग्राम चला रहा है।
राष्ट्र ने असाधारण कार्य कर रहे लोगों को उनकी उपलब्धियां और मानवता के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। इस साल भी पुरस्कार पाने वालों में, वे लोग शामिल हैं जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है।
राष्ट्रपति जी द्वारा संसद के संयुक्त सत्र को सम्बोधन के बाद ‘बजट सत्र’ भी शुरू हो गया है। इन सभी के बीच एक और कार्य हुआ, जिसका हम सभी को बहुत इंतजार रहता है- ये है पद्म पुरस्कारों की घोषणा।