हमारा विविधताओं का देश है यहां पर कई जाति व धर्म के लोग एक साथ निवास करते हैं। लेकिन भारत में एक चीज कि बहुतायत देखने को मिलती है और वह है मंदिर। जी हां भारत मे आप अनेकों मंदिर देख सकते हैं जिनमे से कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जिनकी मान्यता जानकर आप हैरान हो जाएंगे। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर से अवगत कराने जा रहे हैं जिसकी मान्यता आपको हैरान कर सकती है लेकिन यह मंदिर भी सदियों से लोगों की आस्था का कैन्द्र बना हुआ है। दरअसल इस मंदिर कि मान्यता के अनुसार यहां पर महिलाएं अगर मंदिर के फर्श पर सोती हैं तो वह गर्भवती हो जाती है। खासबात तो यह है कि इस मंदिर के चमत्कार से विज्ञान भी हैरान है।
हिमाचल के मंडी जिला के लड़भडोल तहसील के सिमस गांव में माता सिमसा देवी का मंदिर है जहां ये मान्यता है कि निसंतान महिलाओं के फर्श पर सोने से संतान की प्राप्ति होती है। देवी सिमसा को संतान–दात्री के नाम से भी जाना जाता है। हर वर्ष यहां निसंतान दंपति संतान पाने की इच्छा ले कर माता के दरबार में आते हैं। नवरात्रों में होने वाले इस विशेष उत्सव को स्थानीय भाषा में सलिन्दरा कहा जाता है। सलिन्दरा का अर्थ है स्वप्न आना। नवरात्रों में निसंतान महिलायें मंदिर परिसर में डेरा डालती हैं और दिन रात मंदिर के फर्श पर सोती हैं ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं माता सिमसा के प्रति मन में श्रद्धा लेकर से मंदिर में आती हैं माता सिमसा उन्हें सपने में मानव रूप में या प्रतीक रूप में दर्शन देकर संतान का आशीर्वाद प्रदान करती है।
ऐसा माना जाता है की यदि कोई महिला सपने में कोई कंद–मूल या फल प्राप्त करती है तो उस महिला को संतान का आशीर्वाद मिल जाता है। यहां तक की देवी सिमसा आने वाली संतान के लिंग–निर्धारण का भी संकेत देती है। जैसे कि, यदि किसी महिला को अमरुद का फल मिलता है तो समझ लें कि लड़का होगा। अगर किसी को सपने में भिन्डी प्राप्त होती है तो समझें कि संतान के रूप में लड़की प्राप्त होगी। यदि किसी को धातु, लकड़ी या पत्थर की बनी कोई वस्तु प्राप्त हो तो समझा जाता है कि उसके संतान नहीं होगी।