होली में रंगों का अपना महत्व होता है। इस त्योहार में लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और खुशियां मनाते हैं। लेकिन देश में एक ऐसी जगह भी है जहां रंगों से होली नहीं खेली जाती है। दरअसल ऐसा उस परंपरा की वजह से होता है जिसका यहां के लोग बरसों से पालन करते आ रहे हैं। हम बात कर रहे हैं झारखंड के जमशेदपुर जिले की। इस जिले के आदिवासी बहुल इलाकों में होली की शुरुआत तो हो चुकी है लेकिन यहां आपको रंग कहीं भी नजर नहीं आएगा। दरअसल यहां रंगों की बजाए पानी से होली खेली जाती है।

इस आदिवासी बहुल इलाके के लोगों का मानना है कि अगर कोई लड़का या लड़की रंग की होली खेलता है या अगर इनमें से कोई भी एक-दूसरे पर रंग डालता है, तो उन्हें आपस में शादी करनी पड़ती है। यहीं वजह है कि इस समाज के लोग रंगों से होली नहीं खेलते। इस समुदाय में यह प्रथा बरसों से चली आ रही है। बरसों से इन लोगों ने रंग से होली नहीं खेली।
होली के दौरान यहां ढोल-बाजे के साथ लड़का-लड़की नाचते-गाते हैं और एक-दूसरे पर पानी डालते हैं, लेकिन वो रंग से परहेज करते हैं। यहां आदिवासी होली के दिन से कुछ रोज पहले ही होली खेलना शुरू कर देते हैं। यहां रात भर लोग एक-दूसरे पर पानी डालकर होली खेलते हैं और इस दौरान वो अपनी पारंपरिक वेशभूषा भी पहनते हैं। इस बार यहां रविवार 17 मार्च, 2019 से ही होली खेली जा रही है। आदिवासी यहां होली की खुशी में सराबोर नजर आ रहे हैं और अपनी परंपरा के मुताबिक एक-दूसरे पर पानी भी डाल रहे हैं।
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