
ग्रहों में शनिदेव को कर्मों का फल देना वाला ग्रह माना गया है। शनिदेव एकमात्र ऐसे देव हैं जिनकी पूजा लोग डर की वजह से करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है शनि देव न्याय के देवता हैं जो इंसान को उसके कर्म के हिसाब से फल देते हैं। ऐसा कहा गया है की शनि देवता हनुमान जी के भक्तों को कभी परेशान नहीं करते हैं।
शनि के लिए दशरथ कृत शनि स्तोत्र में लिखा है जो व्यक्ति पीपल वृक्ष के नीचे बैठ कर शनि देवता के दस नामों को रोज पढ़ेगा उसे शनि की पीढा कभी नहीं होगी।
शनि वार के दिन सरसों के तेल को अपने ऊपर से उतार कर शनि मंदिर में रख के आ जाना चहिये चढाना नहीं है सिर्फ रख के आ जाना है।
शनि वार को काले वस्त्र आदि का दान करना चहिये ,शनि को मजबूत करने के लिए नीलम पहन लेना चहिये। हनुमान चालीसा का नित्य दो पार पाठ करना भी अति लाभ प्रद होता है तथा हनुमान जी पूर्ण निष्काम भक्ति बहुत मार्ग खोल देती है।
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