रेलवे सुरक्षा बल के एक जांबाज जवान ने अपनी मौत से पहले इंसानियत की ऐसी मिसाल पेश कर गया जिसकी आज हर कोई चर्चा कर रहा है. दिल्ली के आजादपुर इलाके में रेलवे सुरक्षा बल के एक जवान ने तीन लोगों की जान को बचाते हुए अपनी जान दे दी. यह घटना आजादपुर सिग्नल नंबर सात के पास सोमवार रात के करीब साढ़े नौ बजे की है.
रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों के मुताबिक कांस्टेबल जगबीर सिंह राणा की तैनाती सोमवार रात को आजादपुर रेलवे ट्रैक पर सिग्नल 7 के पास थी. जगबीर सिंह सुरक्षा ड्यूटी पर थे. उनकी ड्यूटी रात 8 बजे से सुबह 8 बजे की थी. रात साढ़े नौ बजे के करीब दोनों तरफ से सिग्नल ग्रीन था.
इस दौरान एक ट्रेन दिल्ली से अंबाला जा रही थी जबकि ठीक उसी वक्त एक दूसरी ट्रेन कालका से नई दिल्ली की तरफ आ रही थी तभी जगबीर राणा की नजर ट्रैक पार कर रहे दो-तीन बच्चों और महिलाओं पर पड़ी. जगबीर सिंह देखते ही समझ गए कि शायद उन लोगों को अम्बाला जा रही ट्रेन तो दिख रही है पर कालका शताब्दी उन्हें नजर नहीं आ रही. इसके बाद जगबीर तेजी से उनकी तरफ चिल्लाते हुए दौड़े. लेकिन उन लोगों तक ट्रेन की आवाज की वजह से जगबीर की आवाज नहीं पहुंच सकी.
इस बीच, जगबीर दौड़ कर उन तक पहुंचे. उन्होंने बच्चों और महिलाओं के ट्रैक से दूसरी तरफ धक्का दे दिया लेकिन इससे पहले की वो खुद को बचा पाते ट्रेन की चपेट आ गए. रेलवे पुलिस बल के अधिकारियों के मुताबिक इंजन से जगबीर के कंधे पर टक्कर लगी और वो उछल कर दूर गिर गए जिसकी वजह से उनके सिर पर गंभीर चोट लग गई और उनकी मौत हो गई.
50 साल के जगबीर सोनीपत के रहने वाले थे और रेलवे पुलिस बल में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे रेलने के अधिकारियों का कहना है कि उनके रेलवे पुलिस बल उनके परिवार की पूरी मदद करेगा.