इस्लामाबाद : पाकिस्तान जैसे कट्टरपंथी इस्लामिक देश में बिना बच्चों वाले मां-बाप के लिए खुशखबरी है कि पाकिस्तान की सर्वोच्च शरीयत अदालत ने गर्भ धारण करने के ‘टेस्ट ट्यूब बेबी’ प्रणाली को कानूनी मान्यता प्रदान की है.
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संघीय शरिया अदालत ने कहा कि अगर शुक्राणु पिता से लिया गया हो और अंडाणु मां से लिया गया हो और फिर टेस्ट ट्यूब में मेडिकल प्रक्रिया के जरिए इसका प्रजनन कराया जाता है तथा मां के गर्भ में भ्रुण को प्रतिस्थापित किया जाता है तो यह पूरी प्रक्रिया वैध है.इस प्रक्रिया को अवैध अथवा पवित्र कुरान और सुन्नत के खिलाफ नहीं कहा जा सकता.
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‘डॉन न्यूज’ के अनुसार अदालत ने 22 पृष्ठों के आदेश में कहा कि इस प्रक्रिया को अवैध अथवा पवित्र कुरान और सुन्नत के खिलाफ नहीं मानने की वजह यह है कि शुक्राणु और अंडाणु असली पिता और माता का है. अगर किसी दंपत्ति को ऐसी चिकित्सा प्रक्रिया सुझाई जाती है तो ऐसी स्थिति में कानूनी तौर पर कोई कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है. ऐसी स्थिति में बच्चा पूरी तरह कानूनी और वैधानिक होगा.
वहीं अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी दूसरी स्थिति में टेस्ट ट्यूब बेबी प्रणाली अपनाना गैरइस्लामी माना जाएगा.इस बारे में डॉक्टर मजहर अहमद का कहना है कि पाकिस्तान में बांझपन का स्तर 10 फीसदी है,लेकिन ऐसे 90 फीसदी मामलों में उपचार हो जाता है और सिर्फ 10 फीसदी मामलों इस तरह की प्रणाली की जरूरत पड़ती है. बता दें कि अब अदालत के फैसले के बाद ऐसे दस फीसदी लोगों को भी संतान सुख मिल सकेगा.