सोमवार को अफगानिस्तान में हुए विस्फोट की जिम्मदारी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली है। मंगलवार को बयान जारी करते हुए आतंकी समूह ने कहा कि आत्मघाती हमले में छह लोग मारे गए हैं।
इस्लामिक स्टेट समूह ने मंगलवार को बताया कि उसने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आत्मघाती हमला किया है, जिसमें छह लोग मारे गए।
इस्लामिक स्टेट ने बताया कि उसने तालिबान सरकार की अभियोनज सेवा को भी निशाना बनाया था। काबुल शहर की पुलिस के मुताबिक सोमवार को हुए विस्फोट में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई जबकि 13 अन्य लोग घायल हो गए।
टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर जारी किया बयान
आईएस समूह की अमाक मीडिया विंग ने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर बयान जारी करते हुए कहा, ‘आत्मघाती हमलावर ने अभियोजन के कर्मचारियों की शिफ्ट छूटने का इंतजार किया और जब कर्मचारी शिफ्ट छोड़कर बाहर आए तो विस्फोट कर दिया।’
हालांकि आईएस ने मृतकों और घायलों की संयुक्त संख्या 45 से अधिक बताई है और कहा कि यह हमला तालिबान जेलों में बंद मुसलमानों का बदला लेने के लिए किया गया है। तीन साल पहले अमेरिकी नेतृत्व वाली विदेशी सेनाओं की वापसी के बाद सत्ता में आने पर अफगानिस्तान के तालिबान अधिकारियों ने सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता घोषित किया है।
विश्लेषकों के मुताबिक व्यापक सुरक्षा अभियानों से आतंकवादियों में कमी आई है, लेकिन क्षेत्रीय आईएस जिसे इस्लामिक स्टेट खुरासान (आईएस-के) के नाम से जाना जाता है, वह अभी भी खतरा बना हुआ है।
तालिबान के राज में भी होते रहते हैं आतंकी हमले
आईएस-के समूह तालिबान सरकार के मंत्रालयों, विदेशी दूतावासों और धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी निशाना बना चुका है। अफगानिस्तान में आईएस-के द्वारा दावा किया गया पिछला आत्मघाती हमला मार्च में दक्षिणी शहर कंधार में हुआ था। तालिबान अधिकारियों ने कहा कि उस हमले में केवल तीन लोग मारे गए थे, जबकि अस्पताल के एक सूत्र ने मरने वालों की संख्या 20 बताई थी।
तालिबान के राज में भी अफगानिस्तान में कई छोटे आतंकी संगठन एक्टिव हैं, जो समय-समय पर इस तरह के हमलों को अंजाम देते हैं।