अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका को अफगानिस्तान के अरबों डालर को मुक्त कर देना चाहिए क्योंकि देश को नकदी की सख्त जरूरत है। अफगानिस्तान पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआइसी) के विशेष सत्र में बोलते हुए अमीर खान मुत्ताकी ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार को कमजोर करने से किसी को फायदा नहीं होगा।
मुत्ताकी ने कहा कि सूखे, कोरोना वायरस और विदेशी सहायता के बंद होने से अफगानिस्तान की पहले से ही नाजुक आर्थिक स्थिति अब और अधिक खराब हो गई है। उन्होंने इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्यों से अफगान लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने का आह्वान किया है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अफगानिस्तान के 38 मिलियन (3.8 करोड़) लोगों में से आधे से अधिक भोजन की कमी का सामना कर रहे हैं।
मुत्ताकी ने कहा, ‘अफगान लोग शायद ही कोरोना महामारी और सूखे से प्रभावित हुए हों। अफगानिस्तान के 9.5 बिलियन डालर (लगभग 10 अरब डालर) से अधिक के फंड को फ्रीज कर दिया गया है और विश्व बैंक, एशियाई बैंकों और आइएमएफ की विदेशी सहायता भी रोक दी गई है। सभी विदेशी वित्त पोषित परियोजनाओं को भी रोक दिया गया है, जो शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को प्रभावित करते हैं। इसकी वजह से लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है।’
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अभी तक कट्टरपंथी इस्लामी समूह तालिबान को मान्यता नहीं दी है। अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान ने अगस्त में अफगानिस्तान पर नियंत्रण हासिल कर लिया था। तालिबान द्वारा देश पर नियंत्रण पाने और सहायता पर निर्भर अर्थव्यवस्था के प्रभावी रूप से ध्वस्त होने के बाद वाशिंगटन ने अफगान केंद्रीय बैंक से संबंधित लगभग 9.5 बिलियन अमरीकी डालर (लगभग 10 अरब डालर) की संपत्ति जब्त कर ली है।