New Delhi: मुजफ्फर नगर रेल हादसे में हुई जनहानि से सुरेश प्रभु अभी उबरे नहीं थे कि औरैया में बड़ा रेल हादसा हो गया। उत्तर प्रदेश में पांच दिन के अंदर हुए इन दो बड़े रेल हादसों ने सुरेश प्रभु को झकझोर कर रख दिया है।
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अब उन्होंने इन दोनों हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की है। लेकिन पीएम मोदी ने उन्हें अभी रोक रखा है। अगर सुरेश प्रभु का इस्तीफा मंजूर होता है तो वे आजाद भारत के तीसरे ऐसे रेलमंत्री होंगे जो हादसों की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देंगे।
उनसे पहले भारत के इतिहास में सिर्फ दो रेल मंत्रियों ने इस तरह इस्तीफा दिया है। देश के पहले रेल मंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने हादसे कि जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था। इसके बाद एनडीए कार्यकाल में नीतीश कुमार ने हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था।
27 नवंबर 1956 में तमिलनाडु के अरियालुर में बड़ा ट्रेन हादसा हुआ था। इस हादसे में करीब 142 लोगों की मौत हुई थी। लालबहादुर ने हादसों की नैतिक जिम्मेदारी ली और इस्तीफा दे दिया। पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार में लाल बहादुर शास्त्री को रेलमंत्री बनाया गया था।
बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में रेलमंत्री रहते हुए इस्तीफा दिया था। 1999 में गैसाल ट्रेन हादसे में करीब 290 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना से आहत नीतीश ने हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था।
वाजपेयी के ही कार्यकाल में एनडीए की रेलमंत्री ममता बनर्जी ने भी दो रेल हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेकर 2000 में इस्तीफा दिया था। लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी ने उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया था।
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