इलेक्शन कमीशन मायावती की बीएसप को खत्म कर देगा!

इलेक्शन कमीशन मायावती की बीएसप को खत्म कर देगा!हाईकोर्ट का ऑर्डर आया है. BSP वालों ने यत्र-तत्र सर्वत्र जो हाथी खड़े कर दिए हैं. पाकों में, हरी-हरी घासों के इर्द-गिर्द. वो पब्लिक के पइसे का दुरजुपिओग है. वोटरों को लुभाने की कोशिश है. इलेक्शन कमीशन को कहा. हे इलेक्शन कमीशन! BSP को नोटिस भेजो, उन्हें अपना चुनाव चिन्ह बदलने का आदेश दो और अगर BSP ऐसा न करे तो फिर हे इलेक्शन कमीशन, पार्टी की मान्यता ही खत्म कर दो. खतम. फिनिश. ओवर. और ये सब 6 महीने की समयसीमा मे किया जाए.

दिल्ली हाईकोर्ट ने सीधे-सीधे कह दिया है कि ऐसा किया ही जाना. बहुत जरुरी है. इसलिए भी ज़रूरी है ताकि आगे कोई रूलिंग पार्टी पब्लिक फण्ड का इस तरह ग़लत इस्तेमाल न कर सके. हाईकोर्ट ने इलेक्शन कमीशन को 3 महीने मे गाइडलाइन बनाने और 6 महीने मे BSP के खिलाफ़ एक्शन ले डालने को कहा है.

मायावती का इलेक्शन का चुनाव निशान हाथी क्यों है?

दरअसल ये कांशीराम की सोच से निकला है.  तब दलितों ने हिंदू धर्म छोड़कर बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म अपनाया. जिसमें हाथी के प्रतीक का बहुतायत से इस्तेमाल होता है. 

साथ ही साथ जिन बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की विरासत को संभालने का दावा बीएसपी करती है. बाबा साहब की पार्टी आरपीआई का भी यही चुनाव निशान था. वही हाथी अपनाकर बीएसपी बाबा साहब से जुड़ी दिखना चाहती है.

हाथी दलितों की ताकत का भी प्रतीक था. जो बल में ज्यादा होता है. लेकिन उसके सिर पर महावत सवार होता है. अंकुश लगाता है. ब्राह्मण उसी महावत जैसे थे. और हाथी दलितों का प्रतीक.

एक याचिका आई थी कोर्ट के पास. एनजीओ कॉमन कॉज ने लगाई थी. एनजीओ वालों ने याचिका नहीं. बीएसपी की हीलगा दी है. पहले इलेक्शन कमीशन के पास गए थे. एनजीओ वाले. उनने न सूनी तो कोर्ट पहुंचे. याचिका डाली. उसमें लिखा था. BSP का चुनाव चिह्न रद्द कर दिया जाए. पार्टी ने पब्लिक प्लेस में इस जानवर की इतनी मूर्तियां लगा दी हैं. इतना ही नहीं यह सब प्रतिमा-व्रतिमा सरकारी पैसे से लगाई गई हैं.

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com