नई दिल्ली: उल्लेखनीय है कि नीति आयोग के हाल में एक रिपोर्ट में कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों तथा साझा तौर पर वाहनों के उपयोग से 2030 तक डीजल और पेट्रोल की लागत में 60 अरब डॉलर की बचत की जा सकती है. सरकार ने 2030 तक सभी वाहनों को बिजली से चलाने का लक्ष्य रखा है. नीति आयोग के अनुसार भारत का लक्ष्य 2030 तक 100 फीसद ई-वाहन देश बनाना है जिसके लिए हाल ही में पावर पोर्टफोलियो का आयोजन किया था.
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि सरकार देश में कम रोड टैक्स जैसे प्रोत्साहनों के जरिए इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री को बढ़ावा देगी. इससे ऑटो इंडस्ट्री देश के सकल घरेलू उत्पाद और रोजगार सृजन तथा निर्यात बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाता रहेगा. कांत ने कहा कि लंबी अवधि में भारत को वाहन, बैटरी मैन्युफैक्चरिंग तथा चार्जिग स्टेशन का महत्वपूर्ण केंद्र बनाना है. ताकि शहरों को प्रदूषण से मुक्त करने में आसानी से मदद मिल सके.
उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अमिताभ कांत ने कहा कि हम इलेक्ट्रिक वाहनों को विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहनों के जरिए समर्थन देना चाहते हैं. इसमे कम रोड टेक्स आदि शामिल हैं. सरकार इस मामले में प्रोत्साहन देने का काम करेगी ताकि ऑटो इंडस्ट्री देश के सकल घरेलू उत्पाद और रोजगार सृजन तथा निर्यात बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाता रहे. कांत ने कहा कि आज वाहन तथा वाहन कल-पुर्जा उद्योग का देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान है और देश की जीडीपी वृद्धि में इन दोनों क्षेत्रों का योगदान 7.2 प्रतिशत है.
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