नई दिल्ली: इराक के प्रधानमंत्री अल कदीमी की हत्या की कोशिश की गई है। ये कोशिश उनके घर पर विस्फोटक से लदे ड्रोन से की गई। अच्छी बात ये रही कि इस हमले में अल कदीमी बाल-बाल बच गए। हालांकि हमले में इराकी प्रधानमंत्री के सात सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं। राकी सेना ने पीएम पर हुए इस हमले को असफल हमला करार दिया है।
सेना का कहना है कि पीएम कदीमी को इस हमले से कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। इस हमले को लेकर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। हमले के कुछ ही देर बाद, पीएम कदीमी ने ट्विटर पर अपने सुरक्षित होने की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि ‘विश्वासघात के रॉकेट विश्वास करने वाले लोगों के हौसले नहीं तोड़ सकते। हमारे वीर सुरक्षा बल दृढ़ रहेंगे क्योंकि वे लोगों की सुरक्षा को बनाए रखने, न्याय दिलाने और कानून को लागू करने के लिए काम करते हैं। मैं ठीक हूं, ऊपर वाले का शुक्र है, और मैं इराक की खातिर, सभी से शांति और संयम का आह्वान करता हूं।’
हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि हमले के पीछे किसका हाथ है और न ही किसी ने तत्काल इसकी जिम्मेदारी ली है। यह घटना सुरक्षा बलों और ईरान समर्थक शिया मिलिशिया के बीच गतिरोध के बीच हुई है। इराक के संसदीय चुनाव के परिणाम को शिया मिलिशिया ने खारिज कर दिया है और लगभग एक महीने से ग्रीन जोन के बाहर डेरा डाले हुए हैं।
विरोध शुक्रवार को उस समय घातक हो गया जब प्रदर्शनकारियों ने ग्रीन जोन की ओर मार्च किया जिसमें सुरक्षा बलों और शिया मिलिशिया के बीच गोलीबारी हुई। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। दर्जनों सुरक्षा बल घायल हो गए।
अल-कदीमी ने यह निर्धारित करने के लिए जांच का आदेश दिया कि झड़पों को किसने भड़काया और किसने गोलीबारी नहीं करने के आदेशों का उल्लंघन किया। अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य ने 10 अक्तूबर के चुनाव की प्रशंसा की है, जो ज्यादातर हिंसा मुक्त और बिना किसी बड़ी तकनीकी गड़बड़ी के संपन्न हुआ था।