लोकसभा चुनाव की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है. सिर्फ तीन चरणों का मतदान और बचा है. एक तरफ विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार को हटाने की पुरजोर कोशिश कर रही हैं, तो दूसरी तरफ बीजेपी भी दोबारा सत्ता में लौटने के लिए कोई कोर-कसर छोड़ती नहीं दिख रही है. उम्मीदवारों के चयन से लेकर प्रचार अभियान तक, हर रणनीति में इसका असर देखने को मिल रहा है. मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट (Indore Lok Sabha constituency) भी उन सीटों में से एक है, जहां इस बार BJP की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. साल 1989 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के गृहमंत्री रहे कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रकाशचंद्र सेठी को पटखनी देने के बाद से बीजेपी नेता सुमित्रा महाजन लगातार इंदौर की नुमाइंदगी करती आ रही हैं, लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला