इंटरमीडिएट व मैट्रिक परीक्षा कॉपी मूल्यांकन में लगे वीक्षकों को वीक्षण कार्य से रोका जा रहा है। इसको लेकर शिक्षकों को भय व्याप्त है। रविवार को अस्पताल रोड में कुछ शिक्षकों को घेर कर धमकाया और शरीर पर मोबिल फेंक दिया। शिक्षकों ने इसकी सूचना डीएम व एसडीओ को दी। उसके बाद वहां पुलिस बल को भेजा गया। तबतक सारे लोग मौके से भाग निकले थे।
सदर अस्पताल रोड में घटना
एसडीओ पूर्वी कुंदन कुमार ने बताया कि, मूल्यांकन कार्य संपन्न कर शाम को कुछ शिक्षक जिला स्कूल, चैपमैन आदि केंद्रों के शिक्षक घर के लिए निकले। सदर अस्पताल रोड के अलावा अन्य केंद्रों के समीप कुछ हड़ताली शिक्षकों की उनपर नजर पड़ी और अभद्र व्यवहार किया गया। इसकी जांच की जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों चैपमैन के समीप हुई मारपीट की घटना में एक शिक्षक जेल में बंद है और 15 फरार हैं। डीईओ डॉ. विमल ठाकुर ने बताया कि अब मूल्यांकन केंद्रों पर दो-दो दंडाधिकारियों की तैनाती रहेगी।
प्राथमिक स्तर पर सुधार से ही आएगी गुणवत्ता
बिहार में उच्च शिक्षा की स्थिति दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में ध्वस्त हो रही शिक्षा व्यवस्था का इसमें काफी योगदान है। ये बातें शनिवार को बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में आयोजित सेमिनार के दौरान वक्ताओं ने कहीं। अतिथियों का स्वागत करते हुए डॉ.पंकज कुमार राय ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा मित्र और अतिथि शिक्षकों की बहाली का प्रयोग काफी घातक है। इसके कारण शिक्षा का स्तर और गिरता जा रहा है।
शिक्षा में गुणात्मक सुधार
सरकार को नियमित शिक्षकों की बहाली करनी चाहिए। साथ ही प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षा में गुणात्मक सुधार होने चाहिए। तभी उच्च शिक्षा का स्तर उपर उठेगा। कुलपति डॉ.आरके मंडल ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि शिक्षकों को बच्चों में किताबी ज्ञान के साथ नैतिक शिक्षा का भी विकास हो इसका ख्याल रखना चाहिए। कार्यक्रम को डॉ.एसके पॉल समेत अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। इस दौरान विवि में बेहतर कार्य के लिए कुलपति को शिक्षक संघ की ओर से सम्मानित भी किया गया। यह आयोजन वाइसलेस क्लब की ओर से हुआ।
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