पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट मैच में इमाम-उल-हक ने 96 रन की पारी खेली। उनकी पारी की बदौलत ही पाकिस्तान उस मैच में वापसी करने में कामयाब रहा। हालांकि, मैच में कोई नतीजा नहीं आया लेकिन पाकिस्तान अच्छी बल्लेबाजी के दम पर मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा।
पाकिस्तान की तरफ से 19 टेस्ट मैच खेल चुके इमाम की यहां तक की जर्नी आसान नहीं रही और उन्हें पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और बल्लेबाज इंजमाम-उल-हक का भतीजा होने का खामियाजा भुगतना पड़ा।
एक निजी चैनल स्पोर्ट्स सेंट्रल को दिए गए इंटरव्यू में इमाम का दर्द छलका जब उन्होंने खुलकर इसके बारे में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि कभी-कभी उन्हें बहुत दुख होता था जब उनकी तुलना उनके चाचा इंजमाम उल हक से की जाती थी।
उन्होंने कहा “सच बताऊं तो दिल काफी दफा किया कि चाचू को बोलूं कि मेरी क्या गलती थी? लेकिन कुछ चीजें बिना चाहे आपकी लाइफ में आ जाती है। लोग कहते हैं हमने अच्छे से हैंडल किया लेकिन ऐसा नहीं है।
मैं बस अपना काम करता गया क्योंकि मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। मैं भी एक लंबी प्रक्रिया के बाद आया हूं। मैंने दो U19 विश्व कप खेले, 45 प्रथम श्रेणी मैच खेले। कायद-ए-आजम ट्रॉफी में 50 का औसत था, जब मुझे पहली बार टीम में चुना गया था।”
कप्तान बाबर को कहा शुक्रिया
इमाम ने पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम को सपोर्ट करने के लिए शुक्रिया कहा, “मैं झूठ नहीं बोलूंगा लेकिन शुरुआत में मैं दबाव नहीं झेल पाता था। मैं यहां बाबर का नाम लेना चाहूंगा, जिन्होंने मेरा खूब सपोर्ट किया। हम लोगों ने साथ में बहुत क्रिकेट खेले हैं। हमारे परिवार में सभी फाइटर हैं और यही कारण हैं कि हम लगातार मेहनत करते रहते हैं।”