छुट्टियां हर किसी को अच्छी लगती हैं। मुझे छोड़ कर। मुझे घूमना अच्छा लगता है। छुट्टियां कतई नहीं। लेकिन बड़े लोग जब छुट्टी पर जाते हैं तो वो सिर्फ छुट्टी पर घर पर नहीं बैठते हैं। वो निकल जाते हैं। घूमने। चांदनी चौक और दरियागंज नहीं। देश के बाहर। कहीं कोई नई जगह। जहां उन्हें कोई जानता पहचानता न हो। या फिर जानने पहचाने वाले हों भी तो बस कुछ गिने चुने हों।

जो मिलते ही नहीं। तो मिला जुला के हम भी चांदनी चौक घुमते समय बड़ा आदमी हो जाते हैं। काहे कि इनको विदेशों में कोई नहीं पहचानता और हमको चांदनी चौक में।
आलिया भट्ट का 2016 भयंकर ब्यस्त रहा। तीन फिल्में आईं। तीनों अच्छा चलीं। फिल्में भी अच्छी ही थीं। ऐसा मेरे दोस्त कहते हैं। काहे कि हमने अभी तक तीन में से एक ही देखी। उड़ता पंजाब। तो अब फुर्सत मिला है। तो पूरे परिवार के साथ घूमने निकल गई हैं। मालदीव। तस्वीरें हमको मिलीं हम उठा लाए। अब आए हैं हुज़ूर आलिया भट्ट को देखने तो देखते जाएं। नीचे एक वीडियो भी है।
मूड की बात है…
और बस जब आप आराम के मूड में हों!
जी ले ज़रा…

वादियां मेरा दामन, रास्ते मेरी बाहें
जाओ मेरे सिवा, तुम कहां जाओगे
ये कितना प्यारा है…

बड़े लोग जब इंसान छोड़ कुछ और देखते हैं तो ऐसे ही रियेक्ट करते हैं!
लख्तेजिगर जब साथ हों…
आलिया की बहन, शहीन! शाहीन के बारे में आलिया अक्सर खूब सारी बातें करती हैं। और बेस्ट फ्रेंड भी कहती हैं। हमारा तो अपनी बहनों से झगड़ के ही दिन बीत गया!
जीने लगी हूं पहले से ज्यादा…

ज़िंदगी जब स्टारडम से बाहर निकल कर जीना हो तो ये आम भी बहुत ख़ास हो जाता है!
ये रात भीगी-भीगी… क्यों आग सी

क्यों आग सी लगा के गुमसुम है चांदनी, तूने भी नहीं देखा मौसम का ये इशारा…
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