देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान द्वारा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) पर निशाना साधा गया है और आरोप लगाया गया है कि बोर्ड द्वारा तीन तलाक के मुद्दे पर यू-टर्न ले लिया गया है. खान द्वारा यह बयान एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के उस बयान के जवाब में दिया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से उन्हें उम्मीद है कि वह तीन तलाक कानून की वैधानिकता को SC में चुनौती देगा. बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री खान द्वारा ओवैसी को भी नसीहत दे दी गई है.

दरअसल, बात यह है कि ओवैसी द्वारा सवाल उठाया गया था कि हिंदू व्यक्ति को एक साल की सजा जबकि मुस्लिम व्यक्ति को तीन साल साल की सजा का प्रावधान है और एक देश में दो कानून क्यों हैं? इस पर खान द्वारा ओवैसी को सलाह देते हुए कहा गया है कि, “यदि वह समानता की बात करते हैं तो वह सरकार से देश के प्रत्येक नागरिक के लिए पारिवारिक कानूनों को लागू करने के लिए क्यों नहीं कहते है और वह कॉमन सिविल कोड का समर्थन भी करें.”
पूर्व केंद्रीय मत्री द्वारा एक साक्षात्कार में कहा है कि, “पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा सबसे पहले तो तलाक को ‘गुनाह, दमनकारी और अन्यायपूर्ण बताया गया था.” लेकिन इस पर बाद में उन्होंने अपना रुख बदल लिया.” आगे आरिफ ने बताया कि, “हम एक लोकतांत्रिक देश हैं और भारत में हर किसी को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है.
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