नवी मुम्बई में विशेष अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को रिहा कर दिया है। जज का कहना है कि आरोपी और पीड़िता ने आपसी सहमति से संबंध बनाया था ऐसे में इसे दुष्कर्म का नाम देना गलता है।
महाराष्ट्र के नवी मुंबई के एक 24 वर्षीय व्यक्ति को विशेष अदालत ने बरी कर दिया है, जिसपर एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया था। जज का कहना है कि इन दोनों ने आपसी सहमति से संबंध बनाया था। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) वी वी वीरकर ने 15 मार्च को आदेश दिया था।
पड़ोसी के साथ भाग गया था आरोपी
उस व्यक्ति पर 2014 में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसमें कहा गया था कि आरोपी तुलजापुर में अपने पड़ोसी के साथ भाग गया और उससे शादी करने का वादा करके उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में लड़की की मां की शिकायत पर पुलिस ने दोनों का पता लगाया था।
कोर्ट ने सभी आरोपों को किया खारिज
अदालत ने अपने आदेश में, न्यायाधीश ने कहा कि यह सहमति से संबंध का मामला प्रतीत होता है, जो कि पीड़िता द्वारा चिकित्सा अधिकारी को दिए गए इतिहास से स्पष्ट है। चूंकि यह साबित नहीं हुआ कि लड़की की उम्र 18 साल से कम थी, इसलिए उस व्यक्ति के खिलाफ अपहरण का आरोप नहीं लगाया जा सकता है।
आपसी सहमति से बने रिश्ते को नहीं कह सकते दुष्कर्म
आदेश में कहा गया, “यह संबंध सहमति से बनाया गया है, अगर एक बार को मान भी लेते हैं कि उस समय पीड़िता की उम्र 17 साल 6 महीने थी, फिर वो सोचने और समझने के काबिल थी। ऐसे में सहमति से बनाए गए संबंध को दुष्कर्म नहीं माना जा सकता है।”