आरबीआई के गर्वनर रघुराम राजन का कार्यकाल सितंबर में खत्म होने से पहले ही देश के इस सबसे बड़े बैंकर के पद के लिए रोज नए नाम सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में अब विख्यात अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया का नाम भी चर्चा में आया है।
बताया जा रहा है कि इस पद को लेकर अगले 24 से 48 घंटों में सरकार कोई निर्णय भी ले सकती है। दुनिया के प्रमुख अर्थशास्त्रियों में शुमार पनगढ़िया फिलहाल योजना आयोग की जगह बनाए गए नीति आयोग के उपाध्यक्ष हैं। उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का काफी करीबी भी माना जाता है। ऐसे में उनकी दावेदारी भी काफी मजबूत मानी जा रही है।
रिजर्व बैंक के दूसरे कार्यकाल के लिए रघुराम राजन के इंकार के बाद से ही सरकार इस पद के लिए योग्य व्यक्ति की तलाश में जुटी है। आरबीआई के गर्वनर का पद इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि देश की तमाम आर्थिक नीतियां रिजर्व बैंक की नीतियों पर ही निर्भर करती है।
मौजूदा गर्वनर रघुराम राजन का कार्यकाल इस मामले में काफी शानदार माना जाता है। खुद प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली भी उनकी तारीफ कर चुके हैं। लेकिन सुब्रमणयम स्वामी द्वारा खड़े किए गए सवालों के बाद इस पद को लेकर काफी विवाद खड़ा हो चुका है ऐसे में रघुराम राजन ने खुद ही दूसरे कार्यकाल के लिए इंकार कर दिया था।
सरकार के विश्वास पात्र माने जाते हैं अरविंद पनगढ़िया
इसके बाद से ही सरकार ने इस पद के लिए योग्य व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी थी। बीते दिनों इस कड़ी में चार नाम सामने भी आए थे। बताया जाता था कि सरकार ने आरबीआई के गर्वनर पद के लिए इन चार नामों को शार्टलिस्ट किया है।
इनमें आरबीआई के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल, पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन, अर्थशास्त्री सुबीर गोकर्ण और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य का नाम शामिल था।
इनमें अरुंधति भट्टाचार्य को लेकर ज्यादा अटकलें लगाई जा रही थीं लेकिन अब अरविंद पनगढ़िया का नाम भी इस सूची में शामिल हो गया है। बताया जा रहा है कि अर्थशास्त्री के रूप में पनगढ़िया की योग्यता और उनके अनुभव को देखते हुए सरकार उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकती है।
अर्थशास्त्री के रूप में पनगढ़िया प्रधानमंत्री मोदी के काफी करीबी भी माने जाते हैं। पनगढ़िया भी कई मौके पर मोदी की नीतियों की जमकर तारीफ कर चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार की नीतियों को लागू करने में वह काफी सहायक सिद्ध हो सकते हैं। रघुराम राजन की तरह पनगढ़िया भी कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और एशियन डेवलपमेंट बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके हैं।