आरटीआई के दायरे में सीसीटीवी फुटेज भी

सीसीटीवी फुटेज एक इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध रिकार्ड है, जिसे सूचना अधिकार के तहत मांगे जाने पर देने से तब तक इंकार नहीं किया जा सकता, जब तक कि वह राज्य की संप्रभुता, सुरक्षा एवं किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा न हो।

सीसीटीवी फुटेज भी सूचना का अधिकार अधिनियम के दायरे में आती हैं। कोई भी विभाग आरटीआई के तहत इन्हें तब तक देने से इंकार नहीं कर सकता जब तक कि उससे किसी राज्य की संप्रभुता, सुरक्षा या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को इससे खतरा न हो। राज्य सूचना आयुक्त ने फुटेज न देने पर जिला पूर्ति अधिकारी हरिद्वार के लोक सूचना अधिकारी पर 25 हजार का जुर्माना लगा दिया है।

रुड़की निवासी उदयवीर सिंह ने पिछले साल दो जून को जिला पूर्ति अधिकारी हरिद्वार के कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे की 25 मई सुबह दस से दोपहर तीन बजे की रिकॉर्डिंग मांगी थी। जिसके सापेक्ष लोक सूचना अधिकारी पूनम सैनी ने आरटीआई की धारा 8(1)(छ) का उल्लेख करते हुए सूचना देने की बाध्यता नहीं है, का उल्लेख किया था।

सुरक्षा के लिए खतरा न हो
इस प्रकरण की सुनवाई राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने की। लोक सूचना अधिकारी ने बताया कि कार्यालयाध्यक्ष की ओर से इस संबंध में कोई आदेश नहीं दिए गए हैं। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज एक इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध रिकार्ड है, जिसे सूचना अधिकार के तहत मांगे जाने पर देने से तब तक इंकार नहीं किया जा सकता, जब तक कि वह राज्य की संप्रभुता, सुरक्षा एवं किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा न हो।

लोक सूचना अधिकारी को सुरक्षा एवं संप्रभुता के लिए खतरे की दलील देते हुए सूचना अधिकार अधिनियम की धारा (8) का उल्लेख करते हुए सूचना देने से इंकार किए जाने से पहले वांछित वीडियो फुटेज को पृथक से संरक्षित रखा जाना चाहिए। सूचना अधिकार के अंतर्गत वांछित फुटेज को बिना संरक्षित किए आवेदक को देने से मना करने का कोई औचित्य नहीं।

ऐसा इंकार लोक सूचना अधिकारी की सूचना अधिकार के प्रति सदमंशा पर सवाल और साक्ष्य छिपाने का अपराध है। राज्य सूचना आयोग ने सूचना अधिकार के अंतर्गत सीसीटीवी फुटेज की सूचना पर एक निर्णय में यह स्पष्ट करते हुए हरिद्वार के खाद्य विभाग की तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी पूनम सैनी पर सीसीटीवी फुटेज संरक्षित किए बिना देने से इंकार करने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com