साल 2020 में दिल्ली और बिहार जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. साल के आगाज के साथ दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को अग्नि परीक्षा से गुरजरना होगा तो साल के आखिर में बिहार में नीतीश कुमार के सामने सत्ता को बरकरार रखने की चुनौती होगी. वहीं, दिल्ली-बिहार दोनों राज्यों में विपक्ष सत्ता में वापसी के आस लगाए हुए है.
दिल्ली-बिहार विधानसभा चुनाव नतीजे के आधार पर बहुत कुछ तय होगा. एक तरफ जहां इन दोनों राज्यों में क्षेत्रीय दलों की सियासी ताकत की परख होगी तो दूसरी ओर विपक्षी राजनीति की दशा और दिशा तय होगी. राष्ट्रीय राजनीति में दबदबा बनाए रखने के लिए दोनों राज्यों के चुनाव नतीजे बीजेपी के लिए काफी अहम होंगे. वह भी तब जब 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के नतीजे उत्साहवर्धक नहीं रहे हैं. महाराष्ट्र और झारखंड में सत्ता गवांनी पड़ी है तो हरियाणा में बैसाखी के सहारे सत्ता में वापसी की है.
दिल्ली की सत्ता पर काबिज अरविंद केजरीवाल की राजनीति के लिए 2020 काफी अहम होने वाला है. साल के शुरुआत में ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं. जिसमें अरविंद केजरीवाल के सामने सत्ता को बरकरार रखने की चुनौती होगी. बीजेपी पिछले 20 साल से सत्ता का वनवास झेल रही है और अपनी वापसी के लिए बेताब है तो कांग्रेस के सामने खाता खोलने और अपने वजूद को बचाए रखने की चुनौती है.