मैं तेजस्वी यादव और मैं 9th पास हूं. यह कहना है बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और पिता राजद अध्यक्ष लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव का. लालू यादव ने भागलपुर की एक सभा में रविवार को कहा था तेजस्वी किसी की कृपा से नहीं, बल्कि जनता के आशीर्वाद से भविष्य में मुख्यमंत्री बनेगा. आयकर विभाग द्वारा 29 अगस्त को पूछताछ में तेजस्वी यादव ने अपना परिचय कुछ इसी अंदाज में दिया था. तेजस्वी यादव से करीब 36 सवाल किए गए और अधिकांश सवालों का जवाब वह यह कहकर टाल गए कि उन्हें फिलहाल याद नहीं आ रहा है.
इस मामले में आयकर विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में यह कहा गया है कि तेजस्वी और उनकी बहन ने जिस व्यक्ति नवरतन डागा से एबी एक्सपोर्ट लिमिटेड के शेयर लिए उसके बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने स्वीकार किया कि वह उन्हें जानते हैं, लेकिन डागा उनके पटना स्थित घर पर पूजा पाठ करने आते थे, लेकिन उस कंपनी के दूसरे निदेशकों के बारे में तेजस्वी ने अनभिज्ञता जाहिर की. अधिकांश सवालों का जवाब नकारात्मक देने पर तेजस्वी ने कहा कि फिलहाल वह बाढ़ राहतकार्यों में व्यस्त हैं इसलिए सवालों का जवाब देने में असमर्थ हैं, हालांकि उन्होंने लिखित रूप से सवालों के जवाब में आयकर विभाग द्वारा बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत मामले को चलाए जाने पर आपत्ति जाहिर की थी.
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दिल्ली की फ्रेंड्स कालोनी की कोठी को आयकर विभाग ने जब्त कर लिया है, लेकिन जांच में सबसे चौंकाने वाले तथ्य ये सामने आए हैं कि इस कोठी को खरीदने के लिए जो पैसा आया वह उन लोगों या उन कंपनियों द्वारा दिया गया, जो लालू यादव के रेलमंत्री के कार्यकाल में रेलवे की सम्पति के लिए भी निविदा दिए, हालांकि आयकर विभाग ने यह आदेश में नहीं लिखा है कि इन कंपनियों को पटना के सुजाता होटल की तरह क्या आखिरकार कोई संपत्ति मिली या नहीं.
पटना के सुजाता होटल को लालू यादव के रेल मंत्री कार्यकाल में रेलवे के दो होटल एक रांची में और एक पुरी में मिले और जांच एजेंसी सीबीआई का आरोप है कि यह पटना में तीन एकड़ उस जमीन के बदले में दिया गया जो पहले सरला गुप्ता की डिलाइट मार्केटिंग को दी गई और बाद में इस कंपनी में तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी पहले निदेशक बने फिर उन्होंने इस कंपनी का नाम लारा llp कर दिया.
बिहार में महागठबंधन की सरकार की आखिरी गिनती भी लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों की एक के बाद एक सम्पति के खुलासे का बाद ही शुरू हो गई थी. सबसे पहले इस कहानी की शुरुआत हुई जब इस बात पर विवाद हुआ कि पटना में निर्माणाधीन एक मॉल की मिट्टी पटना ज़ू को बेची जा रही है. वहीं इस बात का खुलासा हुआ कि इस मॉल की जमीन के मालिक लालू यादव के परिवार के लोग तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और तेजप्रताप यादव हैं. उस समय वन विभाग के मंत्री तेजप्रताप यादव थे. दूसरा, दिल्ली की उस कोठी का खुलासा हुआ जो तेजस्वी यादव के नाम थी, हालांकि मंत्री बनाने पर निदेशक पद से तेजस्वी यादव ने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन जांच में इस्तीफा देने के बाद भी उन्होंने कई चेक पर हस्ताक्षर किए, जो आने वाले दिनों में उनकी मुश्किलों का कारण बन सकता है.
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फिलहाल तेजस्वी यादव और उनके पिता लालू यादव की कोशिश होगी कि अगले महीने सीबीआई की पूछताछ में उनके खिलाफ कुछ ज्यादा दस्तावेज हाथ न लगे हो. लालू यादव और तेजस्वी से सीबीआई जमीन के बदले रेलवे के होटल के मामले में पूछताछ करेगी. इस मामले में 9 जुलाई को उनके घर पर छापेमारी भी हो चुकी है. सरकार गिरने के बाद इस छापेमारी पर लालू यादव ने कहा था कि सब कुछ नीतीश कुमार की जानकारी में हुआ है. नीतीश कुमार ने इस छापेमारी के बाद तेजस्वी यादव को सलाह दी थी कि वह सार्वजनिक रूप से इस मामले में अपना पक्ष रखें. तेजस्वी यादव ने इस सलाह को सिरे से नकार दिया था. हालांकि यह पूरा मामला 9 साल पहले नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड ने ही सबसे पहले उजागर किया था.