शरलॉक होम्स, ब्योमकेश बक्शी या करमचंद जासूस में क्या समानता है? तीनों काल्पनिक जासूस कैरेक्टर हैं, जिन्हें परदे पर देखकर या किताबों में पढ़कर कई लोग वास्तविक दुनिया में प्राइवेट जासूस बनने को प्रेरित हुए. इन काल्पनिक कैरेक्टर्स से अलग वास्तविक दुनिया के ये जासूस कॉरपोरेट कंपनियों, सेलेब्रीटिज और पर्सनल लोगों के लिए जासूसी का काम करते हैं.
जासूसी के लिए प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियां कई तरह के कोर्स भी चलाती हैं, लेकिन ये कोर्स ही पर्याप्त नहीं है. जासूस बनने के लिए आप में और भी कई चीजें होनी चाहिए. इस फील्ड में हालांकि महिलाएं बहुत कम हैं, लेकिन अगर आप में ये 7 खूबियां हैं, तो आप भी अच्छी जासूस बन सकती हैं.
1. अच्छी एक्टर हों
अच्छे जासूस के लिए सबसे पहली शर्त तो यही है कि उसे केस के अनुसार अलग-अलग किरदार निभाना आना चाहिए. यानी एक्टिंग भी
आनी चाहिए. भारत की पहली महिला जासूस मानी जाने वाली रजनी पंडित ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे उन्होंने अपना केस सुलझाने के लिए भिखारी से लेकर घरेलू नौकरानी तक के किरदार निभाए.
2. टेक्नोलॉजी में एक्सपर्ट हों
एक अच्छे जासूस के लिए यह बहुत जरूरी है कि उसे टेक्नोलॉजी की अच्छी जानकारी हो. जैसे कि अगर मोबाइल से डिलीट डेटा निकालना हो या किसी डेस्कटॉप से डिलीट पिक्चर्स को रिस्टोर करना हो तो खुद कर सकें. क्योंकि किसी और की मदद लेने से गोपनीयता भंग होने का खतरा रहता है.
3. हिडन कैमरे से अच्छी फोटोग्राफी की कला आती हो
जासूसी आप किसी के सामने नहीं कर सकते. आपको हर बात छिपानी होती है. जाहिर सी बात है कि आप सीधे किसी कैमरे से फोटो नहीं खींच सकती. ऐसे में हिडन कैमरे, जो मोबाइल, आपके पर्स या आपकी सूट के बटन में में हो सकते हैं, से फोटोग्राफी करते आनी चाहिए .
4. लीगल पहलू भी पता हो
एक अच्छे प्राइवेट जासूस के लिए बहुत जरूरी है कि उसे सभी आवश्यक कानूनी पहलुओं के बारे में पता हो. प्राइवेट जासूस कहां जा सकता है, किन मामलों की पड़ताल कर सकता है आदि. उसे यह भी पता होना चाहिए कि वह जिस केस की पड़ताल कर रहा है, उसका संबंध राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े किसी मामले से तो नहीं है? या जिसकी पिक्चर ले रहा है या जिसका कंप्यूटर हैक कर रहे हैं, उससे कुछ लीगल इश्यू तो नहीं होंगे. इसकी जानकारी तभी होगी, जब उसे पूरे कानूनी पहलुओं का जानकारी होगी.
5. फोरेंसिक की एक्सपर्ट हो
एक प्राइवेट जासूस के लिए यह सबसे जरूरी चीजों में से एक है कि उसे फोरेंसिक का एक्सपर्ट होना चाहिए. जैसा कि एक इंटरव्यू में सीनियर डिटेक्टिव रमेश मदान भी कहते हैं कि जासूसी के लिए अगर आपके पास फोरेंसिक की डिग्री या नॉलेज होगी तो आपको यह समझ में आएगा कि क्रिमिनल्स के खिलाफ किस तरह के सबूत एकत्र करने हैं.
6. क्रिएटिव होना चाहिए
एक अच्छा प्राइवेट जासूस वही बन सकता है, जो बहुत ही क्रिएटिव हो. इस क्षेत्र में कदम-कदम पर क्रिएटिविटी की जरूरत पड़ती है. अगर किसी का पीछा करना है तो इस तरह से करना होगा कि किसी को भी यह शक न हो. अगर किसी से कुछ पूछना है तो सवाल इस तरह से फ्रेम करने होंगे कि आप जो चाहती हैं, वह आपको मिल भी जाए और उसे शक भी ना हो कि आप उसकी जासूसी कर रही हैं.
7. साहसी हो, लेकिन दुस्साहसी नहीं
एक जासूस के लिए साहसी और दुस्साहसी में अंतर को समझना जरूरी है. साहसी होना या किसी तरह का डर नहीं होना, एक जासूस के लिए अनिवार्य गुण है. लेकिन उसे दुस्साहसी नहीं होना चाहिए. क्योंकि फिल्मी जासूस और रियल लाइफ के जासूस में जमीन-आसमान का अंतर होता है. ऊंची इमारत की खिड़की फांदकर अंदर जाना दुस्साहस ही कहलाएगा, जासूसी नहीं.
क्या सीख सकते हैं डिटेक्टिव दीदी से?
इसी हफ्ते 9 दिसंबर से रात 8 बजे जी टीवी पर डिटेक्टिव दीदी सीरियल टेलीकास्ट हो रहा है. यह हर हफ्ते शनिवार और रविवार को टेलीकास्ट होगा. यह एक यंग लड़की की कहानी है, जो जासूस बनकर कई आपराधिक मामलों को सॉल्व करना चाहती है.
राजधानी दिल्ली पर आधारित #Detective Didi स्पेशल एजेंट भीम सिंह भुल्लर और प्राइवेट डिटेक्टिव बंटी की जिंदगी को फॉलो करती है. भीम जहां दिल्ली क्राइम ब्रांच का एक मजाकिया अफसर है, जो अपनी जांच बिल्कुल नियम-कायदे में रहकर करता है. जबकि बंटी मामले को अपने हाथ में ले लेती है, क्योंकि उसे पुलिस की क्षमताओं पर कोई भरोसा नहीं है. केस को कौन पहले हल करता है और अपराधियों को कौन जेल पहले भेजता है, एक लड़का और लड़की जो कि साथ नहीं खड़े हो सकते, कांटे की लड़ाई में उलझते हैं और कई महत्वपूर्ण केस हल करते हैं. अपने-अपने काम में माहिर ये दोनों समान केसों को हल करने में अपने बिल्कुल अलग तरीके अपनाते हैं, लेकिन जब ये दोनों अपने मतभेदों के बावजूद एक साथ काम करते हैं, तो केस को सफलतापूर्वक हल करते दिखते हैं.