दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश दिल्ली विधानसभा के कामकाज को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। विधानसभा की समितियों के अध्यक्ष व ‘आप’ विधायक सौरभ भारद्वाज, राखी बिड़ला, संजीव झा, मदन लाल और विशेष रवि ने मुख्य सचिव पर यह आरोप लगाया है। इन विधायकों का कहना है कि हमारे समक्ष मुख्य सचिव अंशु प्रकाश द्वारा इस मामले में किए जा रहे अवैध प्रयास का गंभीर मामला सामने आया है।
मुख्य सचिव के पास अधिकार नहीं
विधायकों का कहना है कि विधानसभा के अधिकारियों को 6, 7 और 8 जून को होने वाले तीन दिवसीय विधानसभा सत्र के दौरान प्रश्नकाल से दूर रहने का निर्देश मुख्य सचिव की ओर से दिया गया है। वहीं इस संबंध में कानून विभाग पर गलत राय देने का दबाव डाला जा रहा है। जबकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 23, 9 एए (6) में कहा गया है कि विधानसभा मुख्य सचिव, मंत्रिमंडल या अन्य के कहने पर नहीं चलती है। इसमें क्या कार्य होगा यह सब विधानसभा अध्यक्ष तय करते हैं। विधानसभा के नियमों के तहत सदन को संचालित करने का अधिकार केवल विधानसभा अध्यक्ष के ही पास है। विशेष सत्र के दौरान प्रश्नकाल लिया जाएगा या नहीं इसका निर्णय भी अध्यक्ष करेंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव के पास कोई प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं।
विशेष चर्चा की मांग
‘आप’ विधायकों ने कहा कि विधायिका के कामकाज में हस्तक्षेप करने की यह कोशिश कोई पहली बार नहीं है। इससे पहले भी भाजपा व उपराज्यपाल के कहने पर उन्होंने अपनी नौकरशाहों की टीम के साथ ऐसा किया है। इन विधायकों ने कहा कि इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को लिखा गया है और मांग की गई है कि इस विषय पर विशेष तौर पर चर्चा होनी चाहिए।
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