ब्रैस्ट इम्प्लांट कई लोग करवाते हैं, इससे उनके लुक में काफी परिवर्तन आता है जिससे आपका लुक बदल जाता है. लेकिन इससे आपको क्या परेशानी हो सकती है इसके बारे में आप नहीं जानते होंगे. अधिकतर महिलाओं के ब्रेस्ट उभरे और बड़े नहीं होते, जिसके कारण उनके अंदर हीनभावना जन्म लेने लगती है. बेशक, ब्रेस्ट इंप्लांट आपके वक्षों को मनचाहा आकार और उभार देता है, लेकिन इसके कई दुष्प्रभाव भी होते हैं. जानिए इसके दुष्प्रभाव के बारे में.
क्या कहते हैं सर्वे
इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ऐस्थेटिक प्लास्टिक सर्जरी (आईएसएपीएस) द्वारा 2010 में करवाए गए सर्वेक्षण के अनुसार, वक्षों के आकार को बढ़ाने की सनक जिन देशों की महिलाओं में सबसे ज्यादा दिखी, उनमें शीर्ष पर अमेरिका, ब्राजील, मेक्सिको, इटली, चीन, कोलंबिया और भारत शामिल है. सर्वे के अनुसार, दुनिया भर में 2010 में लगभग 1.5 मिलियन ब्रेस्ट इंप्लांट सर्जरी की गई.
ब्रेस्ट इंप्लांट्स के दुष्प्रभाव
इस सर्जरी में मरीज को जेनरल एनेस्थीसिया देकर बेहोश कर दिया जाता है. आमतौर पर इस में 2-3 घंटे लगते हैं. सर्जरी में खतरे की बात छोड़ दें तो वक्ष वृद्धि में कई तरह की जटिलताएं और समस्याएं संबंधित हैं. इंप्लांट करने में जो आम समस्याएं शामिल हैं, वो हैं इंफेक्शन, निपल में संवेदनशीलता में बदलाव या कमी, वक्ष में दर्द और स्तनपान कराने में परेशानी या दिक्कत महसूस करना.
बता दें, जो भी महिलाएं इस प्रक्रिया से गुजरती हैं, उन्हें अपने पूरे जीवनकाल में कई ऑपरेशन से गुजरना पड़ता है, क्योंकि इंप्लांट को प्रत्येक दस वर्ष में एक बार बदलवाना जरूरी होता है. सर्जरी करने की आम वजहों में शामिल है, इंप्लांट का बिगड़ जाना, असंयमित या किसी एक या फिर दोनों वक्ष का तिरछा हो जाना, दर्द महसूस होना.
साथ ही इसके दाग, निशान को आप किसी भी तरीके से छिपा नहीं सकतीं. हालांकि, कई महिलाओं का घाव जल्दी भर जाता है पर कइयों के लिए यह काफी भयानक समस्या की तरह होता है.