पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर अमेरिका शुरुआत से ही चीन को दोषी मानता रहा है. पिछले कुछ समय से अमेरिकी राष्ट्रपति पर चीन के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर दबाव बन रहा है.

ऐसे में गुरुवार को एक न्यूज चैनल से बात करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमलोग चीन के साथ सभी संबंध तोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘हमलोग बहुत कुछ कर सकते हैं, हमलोग उनके साथ जारी सभी संबंधों को खत्म कर सकते हैं.’
ट्रंप ने कहा चीन में हमने अमेरिकन पेंशन फंड में अरबों डॉलर लगाए थे वो पैसा अब वापस ले लिया है. इसी तरह के और भी कई एक्शन लिए जा रहे हैं.
एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि अलीबाबा ग्रुप जैसी कंपनियां न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड है. लेकिन वो अमेरिकी कंपनियों की तरह अपनी कमाई रिपोर्ट नहीं कर रही है. इस सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, ‘हमलोग इस मामले को काफी कड़ाई से देख रहे हैं.’
वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, ‘मैं फिलहाल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कोई बातचीत नहीं करना चाहता हूं. उनके साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं लेकिन… अभी मैं उनसे बात नहीं करना चाहता.’
उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना के मामले में चीन की निष्क्रियता से वो काफी दुखी हैं. जाहिर है विश्व में इस महामारी की वजह से 3,00,000 लोगों की मौत हो गई है.
सिर्फ अमेरिका में 80,000 लोग मरे हैं. इस वजह से पिछले कुछ सप्ताहों में अमेरिकी राष्ट्रपति पर भी चीन के खिलाफ एक्शन लेने के लिए दबाव बन रहा है. कई जानकार मानते हैं कि वुहान से पूरे विश्व में कोरोना फैलने की मुख्य वजह चीन की निष्क्रियता थी.
वहीं अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि चीन, जहां से ये बीमारी फैली है वो इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहा है जिससे कि विश्व कोविड-19 के खिलाफ मजबूती से लड़ सके.
इतना ही नहीं पोम्पियो ने चीन पर कोविड-19 से सबंधित अमेरिकी रिसर्च को चुराने का भी आरोप लगाया है. विदेश मंत्री ने चीन के इस कृत्य की निंदा की है साथ ही इस तरह की गतिविधियों को रोकने को कहा है.
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