आने वाले दिनों के मौसम का हाल – 40 डिग्री के पार जाएगा….

दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे उत्तर भारत में गर्मी से राहत के दिन खत्म हो गए हैं और अब प्रचंड गर्मी पड़ने लगी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) के मुताबिक, इस माह के अंत तक तापमान में और ज्यादा इजाफा होने के आसार हैं। इसी के साथ मौसम विभाग का यह भी अनुमान है कि चिलचिलाती धूप के साथ गर्मी में इजाफा होना जारी रहेगा। तेज गर्मी के दौरान धूप लोगों की परेशानी में इजाफा करेगी, साथ जल्द ही दिल्ली-एऩसीआर का इलाका लू (Heat Wave) की चपेट में भी आ सकता है। वहीं, दिल्ली के अलावा, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में आसमान तो साफ रहेगा, लेकिन गर्मी लोगों को परेशान करेगी।

 

 

इससे पहले सोमवार को तापमान 40.0 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। मौसम विभाग के मुताबिक अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 30.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह से शाम तक मौसम साफ रहा और दोपहर में तेज धूप के कारण घर से बाहर निकलने में परेशानी हुई। 

मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार और इसके बाद तेज धूप के साथ तापमान में इजाफा होगा और पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला जाएगा। दिल्ली-एनसीआर में गर्म हवाओं के झोके महसूस किए जा सकते हैं। 

यहां पर बता दें कि मौसम विभाग पहले ही अनुमान जता चुका है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ेगी। दिल्ली-एनसीआर के तापमान में सामान्य से ज्यादा इजाफा होगा। मई और जून के महीने में तेज लू चलेगी। वहीं, इस बार जुलाई से पूर्व मानसून भी आने के आसार नहीं दिख रहे हैं।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि राज्य ‘कोर हीट वेव जोन’ में आते हैं। इन सभी में अप्रैल और मई के बीच तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना तकरीबन 37 फीसद है। हालांकि, बीच बीच में पश्चिमी विक्षोभ आने से इन राज्यों में लोगों को राहत मिलती रहती है। लेकिन, इस बार इसकी भी बहुत कम संभावना है। मालूम हो कि वर्ष 2018 में भी गर्मी ने लोगों को बेहद परेशान किया था।

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक भूमध्य रेखा के आसपास प्रशांत क्षेत्र में अल-नीनो का प्रभाव रहता है। इसमें प्रशांत महासागर में समुद्री सतह का तापमान भी असामान्य रूप से बढ़ जाता है। इससे पूरे एशिया के मौसम पर प्रभाव पड़ता है। साथ ही यह भारत में मानसूनी बारिश पर भी प्रभाव डालता है।

स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने भी स्वीकार किया कि सर्दी के बाद इस बार गर्मी भी अच्छी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जिन मॉडलों को आधार बनाकर पूर्वानुमान तैयार किया जाता है, उनमें ज्यादा राहत की फिलहाल कोई संभावना नहीं है। पलावत के मुताबिक जोर पकड़ती गर्मी का असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ना तय है। दिल्ली और हरियाणा में छठे चरण के तहत 12 मई को होने वाले मतदान के दौरान भी गर्मी अपने चरम पर होगी।

डॉ. के जे रमेश (महानिदेशक, मौसम विज्ञान विभाग) का कहना है कि मौसम की स्थिति में बदलाव देखने को मिल रहा है। तेज लू भी चलेगी। इसके पीछे वजह जलवायु परिवर्तन प्रमुख कारण है।

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