New Delhi : 7 अगस्त को देशभर में रक्षाबंधन मनाया गया। हम आपको एक ऐसी बहन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने अपने प्रेमी को पाने के लिए भाई को तो जान से मारा ही साथ ही उसके बेटे की भी गला दबाकर हत्या कर दी थी।ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे.. तेरा साथ न छोड़ेंगे, कुछ इस तरह करना चाहिए दोस्ती का इजहार
लड़की ने उस दिन फैमिली के 7 लोगों की हत्या की थी। अपने बयान में उसने कहा था, भतीजे को मारते समय मुझे दया तो आई लेकिन पकड़े जाने के डर से गला दबाकर उसे मार डाला।
यूपी के अमरोहा जिले के हसनुपर थाना क्षेत्र में 14 अप्रैल 2008 को शौकत समेत उसके परिवार के 7 लोगों की हत्या हुई थी। मृतकों में एक मासूम भी शामिल था। इस नरसंहार को शौकत की बेटी शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर दी थी। क्योंकि परिवार वाले शबनम और सलीम के रिश्ते के खिलाफ थे।
शुरू में तो शबनम पुलिस और गांववालों को गुमराह करती रही, वह कह रही थी कि बाहर से आकर बदमाशों ने हत्या की, लेकिन शव देखकर नहीं लगता था कि हत्या के दौरान किसी तरह का विरोध हुआ। शव ऐसे चारपाई पर पड़े थे मानों वह सो रहे हो। चारपाई पर किसी तरह के संघर्ष या विरोध करने के निशान नहीं थे।
पुलिस को शक हुआ था कि हत्या में किसी नजदीकी का ही हाथ है। शक के आधार पर सलीम को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो घटना का सच सामने आ गया। पुलिस ने शबनम और सलीम को गिरफ्तार कर लिया। 15 जुलाई 2010 को अमरोहा के तत्कालीन जिला जज एए हुसैनी ने दोनों को फांसी की सजा सुनाई। आरोपियों की फांसी की सजा को पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा। अमरोहा जिला जज ने दोनों का डेथ वारंट भी जारी कर दिया था।
इस बीच शबनम को उसके प्रेमी से एक बच्चा हुआ, जिसके बाद उसने गवर्नर और प्रेसिडेंट से बेटे का वास्ता देकर फांसी से क्षमा की गुहार लगाई। हालांकि, शबनम की डेथ वारंट के खिलाफ याचिका पूर्व प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी ने रिजेक्ट कर दी। सितम्बर 2015 में यूपी के गवर्नर राम नाईक ने भी शबनम की दया याचिका याचिका खारिज कर दी थी।
बता दें, शबनम एमए पास है और गांव के ही स्कूल में शिक्षा मित्र के पद पर कार्यरत थी। जबकि सलीम छठी पास है और उसकी पारिवारिक स्थिति भी ठीक नहीं है। पुलिस ने मोबाइल कॉल ट्रेस कर इस घटना का खुलासा किया था। जांच में पता चला था कि शबनम और सलीम के बीच फोन पर करीब एक साल में 900 बार बात हुई। शबनम को मोबाइल भी सलीम ने ही खरीद कर दिया था।