हैदराबाद। आधार पर चाहे कितना भी विवाद हो, लेकिन इससे सरकार को जालसाजी रोकने में बड़ी मदद मिली है. जब तक आधार की अनिवार्यता नहीं थी, नकली राशन कार्ड से धोखाधड़ी का चलन बढ़ गया था. लेकिन अब हालात कुछ और हैं. केंद्र सरकार ने बताया कि किस तरह आधार ने मदद की है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन वितरण राज्य मंत्री सी आर चौधरी ने सोमवार को कहा कि एनडीए सरकार के तीन साल के कार्यकाल में करीब तीन करोड़ जाली और नकली राशन कार्ड रद्द किए गए.आधार से तीन करोड़ जाली और नकली राशन कार्ड रद्द किए गए: मंत्री

उन्होंने बताया कि इस दौरान हर साल देश को 17,000 करोड़ रुपये की बचत हुई. मंत्री ने कहा कि राशन कार्ड को खाताधारक के आधार संख्या से जोड़ने से सरकार को तंत्र की सफाई करने में मदद मिली. वह यहां ई-प्रशासन पर 21वें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि देश में 23 करोड़ राशन कार्ड में से 82 प्रतिशत (19 करोड़) आधार से जुड़े हुए हैं.

हमने पिछले तीन साल में 2.95 करोड़ जाली और नकली राशन कार्ड हटाए जिससे हर साल 17,000 करोड़ रुपये की बचत हुई. इससे सुनिश्चित हुआ कि खाद्यान्न सही इंसान तक पहुंचे. चौधरी ने कहा कि ई-प्रशासन से देश में कारोबार में सहूलियत बढ़ाने में मदद मिल सकती है और बदले में इससे विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी.

वर्चुअल आईडी पर काम

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा है कि अगर किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड नहीं होगा तो उसे सेवा देने से वंचित नहीं किया जाएगा. व्यक्ति अपना राशन कार्ड, वोटर कार्ड या अन्य दस्तावेज दिखाकर सेवा ले सकता है. आधार की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने सुनवाई के दौरान साफ किया है कि वह ड्राइविंग लाइसेंस को भी आधार से लिंक करने की तैयारी कर रही है.

यूआईडीएआई वर्चुअल आईडी तैयार करने की सुविधा पर काम कर रही है. यानि अब आपको 12 अंकों के आधार नंबर की बजाय 16 नंबर की वर्चुअल आईडी देनी होगी. बताया जा रहा है कि यह सुविधा 1 जून से अनिवार्य हो जाएगी. एक मार्च से यह सुविधा आ जाएगी.