नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को दावा किया है कि आम आदमी के लिये जारी किया गया आधार कार्ड पूरी तरह सुरक्षित है। सरकार ने साथ ही कहा कि यह न केवल बेहतर प्रशासन में मददगार साबित हुआ है बल्कि इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में भी सहायता मिली है।
आधार कार्ड पूरी तरह सुरक्षित है
आधार के कार्यान्वयन और उसके प्रभाव पर राज्यसभा में हुयी चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आधार को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ के लिए अनिवार्य बनाए जाने के बाद पात्र व्यक्तियों को सब्सिडी का पूरा लाभ मिला है और अपात्र व्यक्ति इससे दूर हुए हैं। प्रसाद ने कहा कि आधार से पहले, लीकेज के जरिये अपात्र व्यक्ति सब्सिडी का लाभ लेते थे और पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित रह जाते थे।
एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार आदिवासी बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च उठाती है। जांच के बाद वहां 30 से 40 फीसदी बच्चों की संख्या और शिक्षकों की 20 फीसदी संख्या कम हो गई। यह संख्या इसलिए कम हुई क्योंकि इन बच्चों और शिक्षकों का अस्तित्व ही नहीं था जबकि इनके नाम पर लाभ लिया जाता था। उन्होंने कहा कि मनरेगा में, डीबीटी में, एलपीजी में, पेंशन योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर अपात्र व्यक्तियों ने लाभ लिया और पात्र व्यक्ति वंचित रह गए। आधार की वजह से इस पर रोक लगी है। उन्होंने कहा कि अपात्र व्यक्तियों ने जो लाभ लिया वह विकास कार्यो के लिए करदाताओं से मिली राशि थी।
प्रसाद ने कहा कि आधार कार्ड को जनधन योजना से जोड़ने पर 50,000 करोड़ रूपये की एलपीजी सब्सिडी की बचत हुई है। हालांकि मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि किसी भी गरीब व्यक्ति को उसके लाभ के अधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा। प्रसाद ने कहा कि विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट में भारत की 12 अंकों वाली आधार प्रणाली की सराहना की गई है। साथ ही विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री ने भी इस प्रणाली को बेहतर एवं अनुकरणीय बताया है। उन्होंने कहा ‘विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र के एक निकाय ने साफ शब्दों में कहा है कि दुनिया को भारत के अद्भुद प्रौद्योगिकी नवाचार का अनुकरण करने की जरूरत है।’