आतंक के पनाहगार पाक पर नजर रखने के लिए अमेरिका ने भारत से मांगी मदद

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा है कि पाकिस्तान की जमीन पर फलफूल रहे आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। ऐसे में आतंकियों के लिए जन्नत बने पाकिस्तान पर नजर रखने में भारत, अमेरिका की मदद कर सकता है।
आतंक के पनाहगार पाक पर नजर रखने के लिए अमेरिका ने भारत से मांगी मदद  हेली ने ये भी कहा कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान और साउथ एशिया में आतंक के खिलाफ अभियान की घोषणा की है। भारत क्षेत्र में बेहतर पड़ोसी है और वो अफगानिस्तान में विकास और आर्थिक सुधार में रणनीतिक सहयोग कर सकता है।

निक्की हेली ने ये भी कहा कि अमेरिका का इसी में हित है कि वो अफगानिस्तान और पूरे दक्षिण एशिया से आतंकवाद को जड़ से खत्म करे। उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका की कोशिश आतंकियों की पहुंच से परमाणु हथियारों को दूर रखने की है। इसके लिए हम राष्ट्रीय ऊर्जा, वित्तीय, कूटनीतिक और सेना के सभी तत्वों का इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

हम भारत की ओर देख रहे हैं
हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आर्थिक और सुरक्षा भागीदारी के लिए भारत की ओर देख रहे हैं। हेली, यूएस इंडिया फ्रैंडशिप काउंसिल के एक कार्यक्रम में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को खुद की जमीन इस्तेमाल करने दे रहा है और हम इसके सख्त खिलाफ हैं।

पाकिस्तान एक समय में अमेरिका का साथी रहा है और हम उसकी कीमत जानते हैं, लेकिन हम इस बात को कतई बरदाश्त नहीं कर सकते हैं कि किसी देश की सरकार उन आतंकियों को पनाह दे जो अमेरिका को धमकाते हैं।

उन्होंंने भारत के साथ रणनीतिक मोर्चों पर सहयोग का जिक्र करते हुए कहा कि अफगानिस्तान की स्थिरता में वैसे भी भारत ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है, हम उससे आगे भी रणनीतिक सहयोग की उम्मीद करते हैं।

इससे पहले US ने कही थी पाक के फायदे की बात

इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी देने की जगह उसके फायदे की बात कही था। ट्रंप प्रशासन की तरफ से अमेरिका के रक्षामंत्री ने कहा था कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देना बंद कर देगा तो उसको भारत से आर्थिक फायदे हो सकते हैं।

दरअसल, जिम मैटिस से पूछा गया था कि ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा और पनाह देने से रोकने के लिए क्या करेगा? इसपर मैटिस बोले भारत का पड़ोसी होने की वजह से उसको आर्थिक, कूटनीतिक दृष्टि से काफी फायदा हो सकता है।

मैटिस ने आगे कहा कि जबतक आतंकवाद को मिलने वाली  मदद बंद नहीं होगी तबतक अफगानिस्तान समेत साऊथ एशिया में भारत-पाकिस्तान के आसपास स्थिरीकरण होना आसान नहीं होगा। मैटिस ने यह भी कहा कि आतंकवादियों से लड़ते हुए जितने जवान भारत खो रहा है उतना शायद ही कोई देश खो रहा हो।

 

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