
ट्विट के साथ ही ट्रंप ने इशारा दे दिया था कि वो आर्थिक मदद को रोक सकता है और ऐसा उन्होंने करके भी दिखा दिया। ट्रंप ने कहा कि वह हमारे शासकों को बेवकूफ समझता रहा है। आतंकियों को ढूंढ निकालने के लिए हम अफगानिस्तान की खाक छानते रहे और पाकिस्तान हमारी मदद करने के बजाय उन्हें सुरक्षित पनाहगाह देता रहा। लेकिन अब और नहीं होगा।’ ट्वीट के जरिये ट्रंप ने अपने पूर्ववर्ती शासकों पर भी निशाना साधा है।
नवंबर में सईद की रिहाई की भी अमेरिका ने कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि उसे फिर से गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया जाए। साथ ही यह भी चेतावनी दी थी कि जमात प्रमुख के खिलाफ यदि निर्णायक कार्रवाई नहीं की गई तो अमेरिका-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों पर भी नए सिरे से विचार किया जा सकता है। समझा जाता है कि पाकिस्तान में हाल के दिनों में सईद की बढ़ती गतिविधियों और फलस्तीन के राजदूत के साथ सभा करने को लेकर भारत के एतराज को भी ट्रंप ने गंभीरता से लिया है।
पहले भी मिल चुकी है चेतावनी
ट्रंप ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि हम पाकिस्तान को अरबों डॉलर दे रहे हैं लेकिन हम जिन आतंकियों से मुकाबला कर रहे हैं, उन्हें वह संरक्षण दिए हुए है। हमें यह नीति अब जल्द ही बदलनी होगी। पाकिस्तान के लिए समाज, शासन और शांति के लिए किए अपने वादे को निभाने का वक्त आ गया है। दिसंबर में भी अमेरिकी रक्षा मंत्री माइक पेंस ने अफगानिस्तान के अचानक दौरे पर पाकिस्तान को चेतावनी दी थी और कहा था कि भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के तहत आतंकियों का इस्तेमाल कर रहा है।
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