भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह की सेक्टर-9 स्थित कोठी में ताला किसने जड़ा चंड़ीगढ़ पुलिस आठ दिन बाद भी इसका पता नहीं लगा पाई है। पुलिस ने मामले में आठ दिन बाद भी न डीडीआर दर्ज की और न एफआइआर। भज्जी ने मामले पर कहा था कि कोठी उनकी है। कोठी से जुड़ा किसी तरह का विवाद भी नही है। इसके बावजूद कोई ताला कैसे जड़ सकता है? इसका पता अब चंडीगढ़ पुलिस ही लगाए। मामले में 18 अक्टूबर को भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह एसएसपी नीलांबरी विजय जगदाले से पुलिस हेडक्वॉर्टर में मिलकर शिकायत दे चुके हैं।
सीसीटीवी फुटेज की जांच खंगाले जाने के बाद पुलिस को कुछ पता नहीं चल पाया। पुलिस ताला लगाना किसी की शरारत भी मान रही है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि वह इसकी जांच में जुटी है। हरभजन सिंह ने बताया कि उन्होंने कोठी खरीदी है। लेकिन, जब सफाई के लिए माली भेजा तो पता चला कि उसने ताले के नीचे दूसरा ताला भी लगा हुआ है। दूसरे ताले के संबंध में जब उन्होंने परिवार के सदस्यों से पूछा तो सभी ने इससे अनभिज्ञता जताई। इसके बाद भज्जी खुद चंडीगढ़ में एसएसपी से मिले।
पुलिस का कहना है कि मामला संज्ञान में आने के बाद आसपास के लोगों से पूछताछ करने के साथ सीसीटीवी कैमरे की फुटेज निकाली गई। कैमरे में दिन की तस्वीर आ रही थी, जबकि अंधेरा होने के बाद कैमरे में कुछ भी नहीं है। दिन की फुटेज की पूरी जांच में किसी भी व्यक्ति को आते-जाते नही देखा गया है।
बता दें, भज्जी ने साल 2008 में सेक्टर-9 में कोठी खरीदी थी, लेकिन कोठी में किसी के नही रहने की वजह से काफी बड़ी घास और झाडिय़ां हो गई थी। सूत्रों के अनुसार कुछ समय पहले ही उनके पड़ोस में लोग अपनी-अपनी कोठी बनाकर रहने लगे थे। पड़ोसियों को हरभजन सिंह की कोठी से आये दिन जहरीले जानवर दिखते थे। इसके बाद पड़ोसियों ने भज्जी के पटियाला में रहने वाले रिश्तेदार को इसकी जानकारी दी थी, ताकि कोठी के बाहर उगी घास व झाड़ी को साफ किया जा सके।
इसके बाद भज्जी ने माली को सफाई के लिए कहा था। माली जब कोठी में पहुंचा था तो उसने वहां दो ताले लटके देखे। तब उसने इसकी जानकारी भज्जी को दी थी।