हिंदू पंचांग के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है। इस बार गायत्री जयंती 21 जून 2021 को मनाई जाएगी। इस विशेष दिन को माता गायत्री का जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है। माता गायत्री के 5 मुख तथा 10 हाथ हैं। उनके 4 मुखों को चारों वेद के प्रतीक माना गया है। उनके 10 हाथ प्रभु श्री विष्णु के प्रतीक हैं। प्रथा है कि माता गायत्री त्रिदेव की आरध्य हैं। इस दिन निर्जला एकादशी होने की वजह से कई लोग बगैर जल पिएं व्रत रखते हैं। इस दिन खास तौर पर प्रभु श्री विष्णु की आराधना की जाती है।
गायत्री जयंती शुभ मुहूर्त:-
एकादशी तिथि का शुभारंभ- 20 जून रविवार शाम 04 बजकर 21 मिनट पर होगा
एकादशी तिथि का समापन- 21 जून दिन सोमवार को दोपहर 01 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
पूजा विधि:-
इस दिन प्रातः उठ कर स्नान कर पूजा करने का संकल्प लें।
अब पूजा स्थल की सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें। तत्पश्चात, मां गायत्री की फोटो के सामने बैठ कर विधि-विधान से पूजा करें।
अब माता गायत्री पर जल, अक्षत, पुष्प, धूप- दीप तथा भोग चढ़ाएं।
गायत्री जयंती के दिन गायत्री मंत्रों का जाप करना शुभ होता है।
गायत्री मंत्र- ‘ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वेरण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’। गायत्री मंत्रों का जाप करने से मन शांत होता है। इसके अतिरिक्त सकारात्मक उर्जा का संचार होता है।
गायत्री मंत्र का महत्व:-
शास्त्रों के मुताबिक, गायत्री माता को वेदों की जननी कहा गया हैं। प्रथा है कि गायत्री मंत्र का जाप करने से चारों वेदों के समान फल प्राप्त हो जाता है। इस मंत्र का उच्चारण करने से आपके सभी दुख दूर हो जाते हैं।