क्या होता है ऑरोरा बोरियालिस
धरती के तीन भाग होते हैं-क्रस्ट, मैंटल और कोर। क्रस्ट वह हिस्सा होता है जिसपर पूरी दुनिया यानी हम सब बसे हैं। क्रस्ट के नीचे वाला हिस्सा मैंटल कहलाता है और सबसे गहरा है कोर। इस ‘कोर’ में मैग्नेटिक फील्ड बनता है। जब यह बहुत प्रभावशाली होती है तो मैग्नेटिक फील्ड धरती के आस-पास के हिस्सों तक में फैल जाता है।
ऐसे में जब सूरज से बड़ी संख्या में निकलने वाले अणु पृथ्वी के वायुमंडल से टकराते हैं तो वायुमंडल में मौजूद गैसों के अणु से होकर गुजरे के कारण वे चमकने लगते हैं। इसी वजह से आसमान रंग-बिरंगा दिखने लगता है। इस घटना को ऑरोरा बोरियालिस कहते हैं।
इन्हें मिलेगा मौका
ऑरोरा बोरियालिस लैटिन शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘डॉन ऑफ द नॉर्थ’ यानी उत्तर दिशा की भोर। वैसे तो यह घटना सितंबर से मार्च महीने के बीच कई बार होती है। लेकिन भारत में रहने वाले लोगों को इस खूबसूरत नजारे को देखने का मौका सिर्फ वीडिया या तस्वीरों में भी मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत भूमध्य रेखा (equator) के करीब है और ऑरोरा बोरियालिस ध्रुव बिन्दु (Pole) के पास ही होता है।
आज रात ऑरोरा बोरियालिस यूनाइटेड किंगडम, स्कॉटलैंड में देखने को मिलेगा।