हैदराबाद: तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से अलग होने का फैसला कर लिया है. टीडीपी केंद्र सरकार से लगातार आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है लेकिन बुधवार शाम को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया कि संवैधानिक दृष्टि से ऐसा संभव ही नहीं है. आंध्र को हर तरह की मदद दी जा सकती है लेकिन विशेष दर्जा नहीं. जेटली के इस बयान के बाद साफ हो गया है कि अब टीडीपी का एनडीए में बने रहना नामुमकिन है.
नायडू ने अपनी पार्टी के कोटे से मंत्री बने सांसदों को भी इस्तीफा देने के लिए कह दिया है और साइंस-टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री वाई एस चौधरी ने इस पर मुहर भी लगा दी है. वाई एस चौधरी ने कहा है कि, ये अच्छा फैसला नहीं है लेकिन दुर्भाग्यवश बनी परिस्थितियों के कारण हम इस्तीफा देने को मजबूर हैं. हमारे अध्यक्ष ने कहा है कि हम एनडीए में बने रहेंगे, हम प्रधानमंत्री से भी मिलेंगे.
इस बीच टीडीपी प्रमुक चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि उन्होंने अपने फैसले के बारे में बताने के लिए पीएम मोदी से बात करने की कोशिश की लेकिन दुर्भाग्यवश उनसे बात नहीं हो सकी. नायडू ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.
I tried reaching out to the Prime Minister to inform him about our decision. But sadly, he was unavailable.
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) March 7, 2018
बीजेपी ने भी आंध्र प्रदेश कैबिनेट में शामिल अपने दो विधायकों को इस्तीफा देने को कहा है. चंद्राबाबू नायडू की सरकार में शामिल मानिक्याला राव और कामिनेनी श्रीनिवास राव गुरुवार को अपने पदों से इस्तीफा दे सकते हैं. आंध्र प्रदेश में बीजेपी के एमएलसी पीवीएन माधव ने कहा कि, हमने तय किया है कि हमारे मंत्री टीडीपी कैबिनेट से इस्तीफा देंगे, हम जनता के बीच जाएंगे और जनता को बताएंगे कि बीजेपी की केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश के लिए कितना कुछ किया है. आजादी के बाद से अबतक किसी भी राज्य को इतनी सुविधाएं नहीं दी गई जितनी आंध्र प्रदेश को मिली है.
इससे पहले नायडू ने कहा था कि केंद्र में रहने का कोई फायदा नहीं हुआ. हम आंध्र के फायदे के लिए एनडीए में शामिल हुए थे. हमसे जो वादा किया गया था वो पूरा नहीं किया गया. सीएम नायडू ने कहा कि बजट के बाद से ही हम ये मुद्दा उठा रहे थे लेकिन केंद्र सरकार ने हमारी नहीं सुनी. केंद्र सुनने के मूड में नहीं है. मुझे नहीं पता कि मैंने क्या गलती की है. वे ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं. नायडू ने कहा कि सदभावना के तहत और सीनियर राजनीतिज्ञ होने के नाते मैं इस फैसले से पीएम को अवगत कराने गया था, लेकिन वह उपलब्ध नहीं थे.
बीजेपी को निशाने पर लेते हुए नायडू ने कहा कि हम बीजेपी के साथ इसलिए आए क्योंकि हम चाहते थे कि आंध्र प्रदेश के साथ इंसाफ हो. मैं 29 बार दिल्ली गया और हर बार कई लोगों से मुलाकात की. इसके बावजूद हमारे साथ न्याय नहीं किया गया. उन्होंने हमेशा आंध्र के साथ नाइंसाफी की.