आज बिहार में प्रकाशपर्व का मुख्य समागम मनाया जा रहा है जिसमें PM मोदी के साथ-साथ पंजाब के CM प्रकाश सिंह बादल भी मौजूद रहेंगे। इस पर्व की बिहार में बहुत पहले से जोरदार तरीके से तैयारियां चल रही हैं।
आज गुरु का प्रकाशपर्व है। बाला प्रीतम गुरु गोविंद सिंह जी महाराज ने जिस नगर में जन्म लिया, वहां गुरुवार को उत्सव मनेगा। समूचा पाटलिपुत्र गुरु के मार्ग पर दिखेगा। ज्योत के स्वरूप सिखों के दशम पातशाह की किरपा से तख्त श्री हरिमंदिर भव्य छटा बिखेर रहा है। वाहे गुरु की गूंज है। गांधी मैदान नया तीर्थस्थल है। सेवा, भक्ति, प्रार्थना से सब पुण्य कमाने पहुंच रहे हैं।
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएंगे। कुशल प्रबंध के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जय-जयकार है। मेहमाननवाजी का बिहारी ब्रांड दमक रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पहुंच गए हैं।
गुरु की जनमधरती बिहार का यह अपना प्रकाशपर्व है। पटना तो कभी ऐसा नहीं दिखा होगा। अगले 50 साल बाद 400 वें प्रकाशपर्व पर हो सकता है कि इससे भी भव्य दिखे, लेकिन तब शायद हम न हों।
यही सोचकर पटना के युवा, अधेड़ और वृद्ध प्रकाशपर्व की रौनक में पुण्य स्नान की ललक लिए कतारबद्ध हैं। गुरुवार को गुरु के जन्मदिवस पर गंगा के किनारे भक्ति की नई सरिता बहेगी। गांधी मैदान में विशेष समागम गुरुवार दोपहर 12 बजे से गांधी मैदान में विशेष समागम होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद, राजद प्रमुख लालू प्रसाद, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री और बिहार के मंत्री। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख कृपाल सिंह बंडूगर और अन्य अधिकारी तथा तख्त श्री हरिमंदिर साहिब प्रबंधक समिति के प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ भी समारोह में रहेंगे।
गांधी मैदान में गुरुवार को सुबह 4.15 से कार्यक्रम शुरू होंगे। कार्यक्रम देर रात एक बजे तक चलेंगे। अरदास हुक्मनामा, गुरुशब्द विचार, गुरुमत विचार, शब्द विचार, कीर्तन दरबार, संत समागम, कवि श्री और ढ़ाडी दरबार के कार्यक्रम आधी रात तक चलेंगे। गतका पार्टियां अपना जौहर दिखाएंगीं।
तख्त श्री हरिमंदिर में बुधवार देर रात से ही कार्यक्रम शुरू हो गए जो गुरुवार आधी रात के बाद यानी छह जनवरी के तड़के दो बजे तक चलेंगे। फूल की बरखा और आतिशबाजी के साथ इस समारोह का समापन होगा। इसके साथ ही पंजाब और सिख समुदाय के साथ पटना के नए संबंधों की शुरुआत होगी।