हिन्दी पंचांग के अनुसार आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। ऐसे में आज शारदीय नवरात्रि की छठी तिथि है। आज के दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरुप की पूजा की जाती है। पूजा के समय मां कात्यायनी को लाल गुलाब अर्पित करें और शहद का भोग लगाएं। इन दो चीजों को अर्पित करने से मां कात्यायनी अत्यंतन प्रसन्न होती हैं।
मां कात्यायनी को मां दुर्गा का ज्वलंत स्वरूप कहा गया है। शेर पर सवार रहने वाली एवं चार भुजाओं वाली मां कात्यायनी की कृपा से व्यक्ति शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है और उसे जग में शक्ति, यश और सफलता का आशीष भी प्राप्त होता है। आज नवरात्रि की षष्ठी तिथि को आपको मां कात्यायनी के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए। आइए जानते हैं मां कात्यायनी के बीज मंत्र, प्रार्थना मंत्र और स्तुति मंत्र आदि के बारे में।
मां कात्यायनी का बीज मंत्र:
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
विधि विधान से पूजा करने बाद लाल चंदन की माला से मां कात्यायनी के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं।
मां कात्यायनी के लिए प्रार्थना मंत्र:
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
मां कात्यायनी का स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अन्य मंत्र
‘ॐ ह्रीं नम:।।’
चन्द्रहासोज्जवलकराशार्दुलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
बीज मंत्र जाप का लाभ
बीज मंत्रों का जाप रोग, शारीरिक कष्ट, भय, चिंता, दुख से मुक्ति, शत्रु पर विजय प्राप्ति आदि के लिए किया जाता है। इनका जाप करने से जीवन में सुख और समृद्धि भी आती है।