कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आज भोपाल में सेवादल के प्रशिक्षण शिविर सम्मेलन में शामिल होकर लम्बा वक़्त बिताया. दिग्विजय ने लाइन में लगकर खाना खाया और जी भर कर आरएसएस को भला बुरा कहा. उन्होंने कहा कि आज की सारी लड़ाई विचारधारा की है. भारत के संस्कार जोड़ने की है, अब देश को तोड़ने की साजिश रची जा रही है.

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि ”आज़ादी के बाद आरएसएस संविधान का विरोधी रहा है. नरेंद्र मोदी डंडे से देश चलना चाहते हैं जो अब सम्भव नहीं है. दुनिया के सारे देशों में अल्पसंख्यको के संरक्षण का नियम है.” उन्होंने कहा कि ”सावरकर की पुस्तिका के चर्चे के कारण सेवादल की चर्चा दुनिया में होने लगी है, ये किताब कई साल पुरानी है, तब क्या ये सो रहे थे. सावरकर जब काला पानी गए तब हम उनका सम्मान करते हैं, मगर जब वो माफ़ी मांगकर बाहर निकले तो हम उनके विरोधी बन गये.”
कांग्रेस नेता ने कहा कि ”आरएसएस को हिंदुओं का संगठन नहीं मान सकते. इसके मूल में फांसीवद का असर है. आरएसएस की मानसिकता तोड़ने वाली है जबकि कांग्रेस की विचारधारा जोड़ने की है.” उन्होंने कहा कि ”आज संगठन को मजबूत करने की ज़रूरत है. आज कमी यही है कि कांग्रेस पार्टी आईडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स में कमजोर पड़ गयी है और चुनाव की पॉलिटिक्स में ज़्यादा पड़ गयी है.” दिग्विजय ने कहा, ”सभी धर्मों का मूल इंसानियत है और यही इंसानियत देश को जोड़े रखेगी.”
दिग्विजय ने कहा कि ”मोदी और अमित शाह दो शरीर एक आत्मा हैं. जितना पीड़ित आज इनसे देश है उतने ही पीड़ित बीजेपी के लोग हैं. 15 साल में जिनकी आत्मा में संघ की आत्मा प्रवेश कर गयी है, उनको पहचान कर दूर करना होगा. देश में अशांति आ जाए तो विकास केसे होगा.” उन्होंने कहा कि ”सीएए की आज ज़रूरत ही नहीं है. इनके पास कोई एजेंडा ही नहीं है. हर चीज़ को हिंदू मुसलमान करते हैं.” कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि हिंदू मुसलमान को बांटकर राज करने की सोचते हैं. जो अब बर्दास्त नहीं होगा.
ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए दिग्विजय ने कहा कि ”कांग्रेस के कुछ लोग 370 का समर्थन करते हैं, वो कांग्रेस को समझते ही नहीं.” उन्होंने कहा कि जेएनयू में ऐसी हिंसा बर्दास्त नहीं की जाएगी. दिग्विजय ने बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के जेएनयू में जाने का समर्थन किया और कहा कि जो उन्होंने किया वो दिलेरी से किया.
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