महान अर्थशास्त्री, कूटनीतिज्ञ और समाजशास्त्री आचार्य चाणक्य अपनी नीतियों को लेकर काफी प्रसिद्ध हैं। इतिहास के जानकार बताते हैं कि आचार्य चाणक्य को आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों की गहराई से समझ थी। अपनी नीतियों के बल पर ही उन्होंने नंद वंश का नाश कर एक साधारण से बालक को सम्राट बना दिया था। चाणक्य जी विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों में दर्शन और कूटनीति का सही प्रयोग करना जानते थे। उनकी बुद्धिमत्ता के कारण ही चाणक्य जी का नाम कौटिल्य पड़ गया था।
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में लोगों को सही और अच्छा जीवन जीने के तरीके बताए हैं। उन्होंने लोगों को जीवन में सफलता पाने के लिए कुछ मूल मंत्र भी दिए हैं, उनकी बातें ज्ञान से परिपूर्ण होती हैं। उनकी बताई गई नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। अगर चाणक्य जी के बताए गए मार्ग पर व्यक्ति चले तो वह अपनी जिंदगी की सभी कठिनाइयों को पार करने में सफल रहता है। जीवन में सफलता प्राप्ति के मूल मंत्र….
लक्ष्य का निर्धारण: आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि किसी भी व्यक्ति को हमेशा लक्ष्य को निर्धारित करके ही आगे बढ़ना चाहिए और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उसे कड़ी मेहनत करनी चाहिए। चाणक्य जी का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति बिना लक्ष्य का निर्धारण किए ही अपना जीवन जी रहा है तो उसे कभी भी सफलता प्राप्त नहीं होती। उनका मानना है कि खासतौर पर युवाओं को अपने लक्ष्य के प्रति बेहद ही गंभीर होना चाहिए।
कठिन परिश्रम: आचार्य चाणक्य का मानना है की जीवन में सफलता प्राप्ति का एकमात्र सूत्र परिश्रम है। इसलिए लोगों को लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कभी भी कठिन परिश्रम से जी नहीं चुराना चाहिए। जो लोग कठिन मेहनत करने से जी चुराते हैं, वह अपनी जिंदगी में कभी सफल नहीं पाते। जो व्यक्ति जीवन में कड़ा परिश्रम करता है, उन्हें माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
गलत संगत: चाणक्य जी का मानना है कि व्यक्ति को हमेशा गलत संगत और बुरी आदतों से दूर रहना चाहिए। साथ ही सफलता प्राप्ति के लिए हर समय संघर्ष करते रहना चाहिए। गलत संगत में पड़ जाने पर व्यक्ति अपने लक्ष्य से भटक जाता है।