उत्तर प्रदेश के लखनऊ -आगरा एक्सप्रेसवे पर लगातार हो रहे सड़क हादसों के चलते अब सरकार ने यहां सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला लिया है। ये सीसीटीवी कैमरे 302 किलोमीटर तक एक्सप्रेसवे पर लगाए जाएंगे। आगरा एक्सप्रेसवे के मुख्य जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने को कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी है।
कैमरों की ये तीसरी आंख यहां पर चलने वाले वाहनों की ओवर स्पीडिंग, भारी वाहनों के अवैध प्रवेश और गलत दिशा में आ रही गाड़ियों पर नजर रखेगी।
प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने बताया कि एक्सप्रेसवे पर हो रहे हादसों पर नजर रखने के लिए यह उपाय सबसे बेहतर है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही एक्सप्रेसवे पर और पुलिसकर्मियों की तैनाती पर भी विचार कर रही है। इन पुलिसवालों की तैनाती उन प्वॉइंट्स पर की जाएगी जहां से एक्सप्रेसवे पर अवैध वाहनों का प्रवेश संभव है।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की डेडलाइन निर्धारित
प्रमुख सचिव ने बताया कि आगरा एक्सप्रेसवे को लेकर हुए इन फैसलों के साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के टेंडर को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने डेडलाइन तय कर दी है। उन्होंने बताया कि लखनऊ को गाजीपुर से जोड़ने वाले इस पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का टेंडर मार्च तक हर हाल में निकाल दिया जाएगा।
यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे प्रॉजेक्ट देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा। यह वाराणसी, गोरखपुर, इलाहाबाद और अयोध्या को जोड़ेगा। एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राद्यिकरण के सीईओ अवनीश अवस्थी ने बताया कि इस प्रॉजेक्ट के लिए अब तक 80 फीसदी जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। इसे बनाने में लगभग 22,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह सुल्तानपुर जिले के कुदेभर से शुरू होगा।
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