मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर अब उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार चौथी बार प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए भरपूर जोर लगा रही है। जिले दर जिले भाजपा अपने चुनाव प्रचार को तेज कर रही है। अभी भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार ने ग्वालियर जिले की 6 सीटों पर अपनी स्थिति जानने के लिए खुफिया विभाग से रिपोर्ट मांगी थी, ताकि उम्मीदवारों के चयन में आसानी हो सके। अब खुफिया विभाग ने यह रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप दी है, जिसे देखकर पार्टी के नेता परेशान हो उठे हैं।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्वालियर जिले की 6 सीटों पर भाजपा की स्थिति काफी नाजुक है। हालांकि 2 सीटों पर स्थिति को संतोषजनक कहा जा सकता है, लेकिन बाकी 4 सीटों पर स्थिति बदतर है और यहां पार्टी को जीतने के लिए खासी मशक्कत करने की जरूरत है। अपनी रिपोर्ट में आईबी ने बताया है कि इन 6 सीटों में से 2 सीटों के विधायक सरकार में मंत्री और एक विधायक राज्यमंत्री हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इन तीनों मंत्रियों में से दो मंत्रियों को अपने क्षेत्र में विपक्षी उम्मीदवार से खासी परेशानी हो सकती है। विपक्षी उम्मीदवार मंत्री को चुनाव में कड़ी टक्क्र दे सकते हैं। हालांकि आईबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इन सीटों पर मुकाबला मुख्य दो दलों में ही होगा और यहां पर तीसरे दल की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
कांग्रेस की राजनीति का भी जिक्र
सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में खुफिया विभाग ने बताया है कि इन सीटों पर उम्मीदवार बदलने और जिताउ उम्मीदवार उतारने का असर पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यहां पर ऐसा उम्मीदवार उतारा जाए, जो अपने दम पर चुनाव जिताने का माद्दा रखता हो, तो समीकरण बदल सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति का भी उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेस में अंदरूनी मतभेद काफी ज्यादा हैं और यह पार्टी को कमजोर बनाते हैं। बीजेपी इसका फायदा उठा सकती है।
क्या है रिपोर्ट में
इस रिपोर्ट में ग्वालियर की सभी सीटों के हालातों का विवरण दिया गया है। प्रदेश सरकार को बताया गया है कि ग्वालियर जिले में कम काम किया गया है, जिसका खामियाजा भाजपा सरकार को चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। इसमें यह भी कहा गया है कि वोटर भाजपा विधायकों से नाराज हैं और उनकी नाराजगी की वजह इन सभी सीटों पर स्वास्थ्य, सड़क और स्वच्छता जैसी सुविधाओं की दयनीय स्थिति है। इसके साथ ही ग्वालियर में सार्वजनिक परिवहन की स्थिति भी ठीक नहीं है। इसके अलावा एससी एसटी एक्ट में बदलाव से भी सवर्ण वोटर भाजपा से खासा नाराज है।