यूनिवर्सिटी के कुलपति पद्मश्री प्रो. डॉक्टर महेश वर्मा ने कहा कि शिक्षा, संगीत और संस्कृति का समागम है यह उत्सव। इसकी गूंज दूर-दूर तक सुनाई दे रही है। हर उत्सव की एक आत्मा होती है। यह ऊर्जा, शक्ति और प्राण प्रतिष्ठा के क्रम से गुजरता है।
गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ (आईपी) यूनिवर्सिटी के वार्षिक सांस्कृतिक समागम ‘अनुगूंज-24’ का आगाज बृहस्पतिवार को हुआ। इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सांसद मनोज तिवारी मौजूद रहे। उन्होंने अपने गीत सुनाएं। उन्होंने छात्रों व शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आईपी यूनिवर्सिटी की तर्ज पर और भी यूनिवर्सिटी देश में बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिभा बहुत सारे लोगों में है। बस उसे तराशने, निखारने और मंच देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी फील्ड में थोड़ा-थोड़ा हाथ आजमाने की जगह किसी एक फील्ड में महारत हासिल करनी चाहिए।
यूनिवर्सिटी के कुलपति पद्मश्री प्रो. डॉक्टर महेश वर्मा ने कहा कि शिक्षा, संगीत और संस्कृति का समागम है यह उत्सव। इसकी गूंज दूर-दूर तक सुनाई दे रही है। हर उत्सव की एक आत्मा होती है। यह ऊर्जा, शक्ति और प्राण प्रतिष्ठा के क्रम से गुजरता है। वहीं, प्रख्यात कथक नृत्यांगना पद्मश्री शोभना नारायण ने इस अवसर पर कहा कि इस विश्व के कैनवास को रंग, आशा और सृजन से भरने की दरकार है। अभिनेता इमरान जाहिद ने सिनेमा के अपने सफर पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अनुगूंज-24 के न्यूज लेटर’वाइब्ज का लोकार्पण भी किया गया। इस उत्सव के लिए सर्वश्रेष्ठ पोस्टर डिजाइन का अवार्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ डिजाइन एंड इनोवेशन के छात्र रिषभ गुप्ता को दिया गया।
यूनिवर्सिटी के छात्र कल्याण निदेशालय की निदेशक प्रो. मनप्रीत कौर कंग के अनुसार यूनिवर्सिटी के दोनों कैंपस के अलावा संबद्ध 115 संस्थानों के छात्र इस मेगा इवेंट में प्रतिभागी व दर्शक के रूप में शिरकत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 50 से ज्यादा विविध सांस्कृतिक व संगीतमय कार्यक्रमों का आयोजन किए जाएंगे। तीनों दिन शाम में स्टार नाइट का आयोजन किया जा रहा है। इस शनिवार की शाम में गायक जुबिन नौटियाल लाइव परफॉर्मेंस देंगे।
डीयू कैंपस में फूड कोर्ट बनाने की मांग
नई दिल्ली। फोरम ऑफ एकेडमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह को पत्र लिखकर मांग की है कि आर्ट्स फैकल्टी के पास कैफेटेरिया खोला जाए। तीन दशक पूर्व नॉर्थ कैंपस में इंडियन कॉफी हाउस व कैफेटेरिया बनाया गया था, जहां पर छात्रों, शिक्षकों व कर्मचारियों को सस्ती दर पर खाद्य सामग्री उपलब्ध हो जाती थीं, लेकिन अब कुछ नहीं है। वहीं, इन छात्रों के लिए उत्तरी परिसर में एक स्थान पर बैठकर नाश्ता करने व दोपहर का भोजन करने के लिए कोई जगह नहीं है। इस कारण छात्रों को महंगी दरों पर खाने के लिए बाध्य होना पड़ता है। डॉ. सुमन ने नॉर्थ कैंपस में फूड कोर्ट, इंडियन कॉफी हाउस व कैफेटेरिया बनाने की मांग की है।