औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) में आया उछाल सुधरते हालात का प्रमाण है। नवंबर में आइआइपी उछाल के साथ 17 महीनों के उच्च स्तर 8.4 फीसद पर पहुंच गया। यह तेजी दर्शाती है कि देश में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूती लौट रही है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शनिवार को यह बात कही।
गर्ग ने ट्वीट किया, ‘बुनियादी उद्योगों की विकास दर 6.8 फीसदी पहुंच गई है। निर्यात में 30 फीसद से ज्यादा की तेजी आई है। पीएमआइ (पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक) कई वर्षो के उच्च स्तर 54.7 पर है। इसके बाद अब आइआइपी की दर भी 8.4 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। ये सभी आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि मैन्यूफैक्चरिंग में तेजी लौट रही है।’
गर्ग ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में औद्योगिक विकास बेहतर रहने से उम्मीद की जा सकती है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) के 6.5 फीसद के अनुमान से ज्यादा रह सकती है।
सीएसओ ने शुक्रवार को आइआइपी के आंकड़े जारी किए थे। अक्टूबर, 2017 के 1.99 फीसद की तुलना में नवंबर में यह 8.4 फीसद के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। नवंबर, 2016 में आइआइपी की दर 5.1 फीसद रही थी। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र आइआइपी में 77.63 प्रतिशत योगदान करता है। इस साल नवंबर में इसने 10.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है, जबकि नवंबर, 2016 में यह चार प्रतिशत थी। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में जिन क्षेत्रों का प्रदर्शन शानदार रहा है उसमें फार्मास्यूटिकल्स, मेडिसिनल केमिकल और बॉटनीकल प्रोडक्ट मैन्यूफैक्चरिंग के सेगमेंट में सबसे तेज 39.5 फीसद की बढ़त हुई।