नई दिल्ली| अ डॉयलॉग विद जेसी शो में शिरकत करने आए दलवीर भंडारी ने जी रीजनल चैनल्स के सीईओ जगदीश चंद्र के धारदार सवालों का बेबात जवाब दिया. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के लिए दोबारा चुने जाने के बाद दलवीर भंडारी ने बताया कि ये भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा की वजह से मुमकिन हो पाया. सभी देश चाहते हैं कि भारत का प्रतिनिधित्व ICJ में बढ़े. उन्होंने कहा कि ये भारत के उभरते स्वरूप की जीत है, देश की जनता की जीत है.
उन्होंने बताया कि सभी देश चाहते हैं कि भारत की न्याय प्रणाली का फायदा मिले. भारत की बहुत पुरानी न्याय प्रणाली है. दलवीर भंडारी ने कहा कि भारत के उभरते स्वरूप को विश्व ने पहचाना है लोगों की मान्यता है कि भारत का प्रतिनिधित्व ICJ में होना चाहिए. उन्होंने बताया कि ICJ दूसरे न्यायालयों से बहुत अलग है, यहां पर शांतिपूर्ण तरीक़े से समस्या के समाधान का उद्देश्य रहता है.
उन्होंने बताया कि विश्व न्यायालय में पूरे विश्व के 15 न्यायाधीश होते हैं जो अलग-अलग बैकग्राउंड से आते हैं. ये एक ही समस्या को अलग-अलग नजरिए से देखते हैं. उन्होंने बताया कि इसमें बड़े देशों का प्रतिनिधित्व हमेशा रहा है लेकिन भारत का प्रतिनिधित्व बेहद कम रहा है. दलवीर भंडारी ने बताया कि दुनिया में शांति की स्थापना करना इस कोर्ट का मकसद है. ICJ के फैसलों की वजह से कई देशों को विवाद खत्म हुए हैं. ICJ ने कंबोडिया और थाईलैंड के मंदिर विवाद का समाधान किया.
उन्होंने बताया कि ICJ में दो देशों में मुकदमों का निर्णय होता है. इसके लिए दोनों देशों की सहमति जरूरी है . अवमानना पर ICJ कार्रवाई नहीं कर सकता. ज्यादातर फैसलों को लोग मानते हैं. पहले सिर्फ बड़े देशों की बात सुनी जाती थी अब गैर विकसित देशों की बात सुनने की तरफ ध्यान दिया जाता है. आने वाले समय में भारत की भूमिका बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि उन्हें 193 में से 183 देशों के वोट मिले.
दलवीर भंडारी ने बताया कि वे विश्व शांति के लिए कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि लीगल एजुकेशन में सुधार की जरूरत है. विश्व से तुलना करने पर लगता है कि काफी कुछ करना है. उन्होंने कहा कि समाज के लिए बेहतर हो सकता है PIL के सही इस्तेमाल. सुप्रीम कोर्ट ने PIL को बढ़ावा दिया है. PIL की शुरुआत 1975-75 में हुई थी. उन्होंने बताया कि बच्चे IAS की बजाए वकील बनना चाहते हैं. ये नया ट्रेंड शुरू हुआ है. समाज के लिए सस्ता न्याय उपलब्ध कराने की जरूरत है. लोक अदालत बहुत अच्छा काम कर सकती है.
उन्होंने बताया कि 1968 में वकालत की शुरुआत की. जोधपुर में पिता जी के साथ वकालत की. LLM की पढ़ाई के लिए US गया. बाद में दिल्ली हाईकोर्ट में जज हो गया लेकिन ऐसी कल्पना नहीं थी कि ICJ का हिस्सा बनूंगा. उन्होंने बताया कि रैन बसेरा केस में उनके फैसले से लाखों लोगों को फायदा हुआ. फूड बिल डिस्ट्रीब्यूशन का केस भी काफ़ी संतोषजनक रहा. दलवीर भंडारी ने बताया कि भ्रष्टाचार के बारे में सुनकर बड़ी पीड़ा होती है.
उन्होंने कहा कि जजों का चयन सावधानी से हो. न्यायपालिका काफी अहम है. इस पर एक फीसदी भी बजट खर्च नहीं होता. जजों पर काम का काफी बोझ है. उन्होंने कहा कि राजस्थान को काफी मिस करता हूं. जोधपुर में उनके काफी दोस्त रिश्तेदार हैं. ICJ, UN की प्रमुख कानूनी संस्था है. पहला मौका है जब 15 जजों में इसबार ब्रिटेश से कोई नहीं होगा. ICJ में 15 में से 5 जजों का चुनाव होता है. इस बार दलवीर भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड आमने-सामने थे. दलवीर भंडारी के चयन से कुलभूषण जाधव केस में भारत का पक्ष मजबूत रहेगा.
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