मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिला अस्पताल के आइसीयू वार्ड में बुधवार दोपहर अचानक आग लग गई। इस दौरान एक मरीज की मौत हो गई। दोपहर लगभग पौने 2 बजे कोरोना संक्रमितों के लिए बनाए गए वार्ड में अचानक वेंटिलेटर में आग लगते ही अफरा-तफरी मच गई। कोरोना मरीजों को बाहर निकालने के लिए उनके स्वजनों को भी वॉर्ड में जाना पड़ा। मरीजों को शिफ्ट करते समय 65 वर्षीय मोहम्मद असलम की मौत हो गई। उनकी रिपोर्ट तो कोरोना निगेटिव थी, परंतु गंभीर लक्षणों के कारण उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया था।
वेंटिलेटर की प्लेट गर्म होने से लगी आग, कोविड वार्ड में भर्ती थे सात मरीज
बताया जाता है कि मोहम्मद असलम को सांस लेने में तकलीफ थी। उन्हें गुना से शिवपुरी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। यहां पर उन्हें आइसीयू में कोरोना मरीजों के साथ ही रखा गया था। वार्ड में जिस वेंटिलेटर में आग लगी, उसमें मरीज को हाइफ्लो ऑक्सीजन दी जा रही थी। वेंटिलेटर की प्लेट बहुत ज्यादा गर्म हो गई, जिससे आग लग गई। घटना के समय वार्ड में सात मरीज थे, जिसमें छह कोरोना संक्रमित थे।
मृतक के बेटे मोहम्मद ताहिर ने बताया कि आग लगने के साथ जब भगदड़ मची तो वे अपने पिता को आइसीयू से लाकर आइसोलेशन वार्ड में ले गए। इस दौरान उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पाई और मौत हो गई। ताहिर ने आरोप लगाया है कि स्टाफ को मशीनें ऑपरेट करना नहीं आता है। तीन बार तो हमने ही अपने पिता की जान बचाई है।
मृतक की रिपोर्ट निगेटिव थी, पर लक्षणों के कारण भर्ती थे
सीएमएचओ डॉ. एएल शर्मा ने कहा कि मरीज को हाइपोक्सिया था। 60 मीटर की दर से ऑक्सीजन देने के बाद भी उनका ऑक्सीजन सैचुरेशन 70 से अधिक नहीं हो रहा था। उसे डायबिटीज और हायपरटेंशन की शिकायत भी थी। घटना के समय हमारे रेजीडेंट डॉक्टर और दो नर्स वहां थीं। मृतक मोहम्मद असलम के अटेंडर खुद कई बार ऑक्सीजन का फ्लो ऊपर-नीचे करते थे। मौत भी शिफ्टिंग के दौरान नहीं हुई है। मरीज की मौत आइसोलेशन वॉर्ड में शिफ्ट करने के 25 मिनट बाद हुई है।