आपको भी अगर बैठकर या लेटे हुए पैर हिलाने की आदत है तो यह आपके स्वास्थ के लिए अच्छे संकेत नहीं है. ये रेस्टलेस सिंड्रोम के लक्षण भी हो सकते है. इसका मुख्य कारण आयरन की कमी का होना मानते है. यह बीमारी लगभग 10 फीसदी लोगों में ही पायी जाती है और यह लक्षण ज्यादातर 35 साल की उम्र के बाद के लोगों में अधिक पाया जाता है.
रेस्टलेस सिंड्रोम
यह नर्वस सिस्टम से जुड़ा हुआ रोग है. पैर हिलाने पर व्यक्ति में डोपामाइन हार्मोन्स श्रावित होने के कारण उसका मन बार बार करने को करता है. इस समस्या को स्लिप डिसऑर्डर भी कहा जाता है. नींद पूरी न होने पर इंसान बहुत थका हुआ महसूस करता है. इसकी जाँच करने के लिए ब्लड टेस्ट भी किया जाता है. इस रोग की मुख्य वजह आयरन की कमी को मानाजाता है. इसके अलावा किडनी, पार्किसंस से पीड़ित मरीजों व गर्भवती महिलाओं में डिलीवरी के अंतिम दिनों में हार्मोनल बदलाव भी इसके कारण हो सकते है. शुगर, बीपी व ह्रदय रोगियों में यह अधिक पाया जाता है.
प्याज और लहसुन की मदद से दूर करे बहरापन
इस बीमारी में आयरन की दवा दी जाती है. बीमारी गंभीर होने पर अन्य दवाएं भी दी जाती है जो सोने से दो घंटे पहले लेनी होती है. यह नींद की बीमारी दूर करके स्थिति को बहुत सामान्य करता है. इसके अलावा रोज व्यायाम करें. हॉट एंड कोल्ड बाथ, वाइब्रेटिंग पैड पर पैर रखने से छुटकारा भी मिलता है. शराब व स्मोकिंग से रहें दूर. रात में भारी खाना न लें ताकि नींद बहुत अच्छी आए. अपनी डाइट में आयरनयुक्त चीजे जैसे पालक, सरसों का साग, चुकंदर, केला आदि अवश्य लें. रात में चाय काफी लेने से बचें. सोते समय टीवी या गैजेट्स से बहुत दूर रहें.